हल्द्वानी: कुमाऊं से राज्य को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी में खनन निकासी कार्य पिछले 10 दिनों से बंद पड़ा है. कारण यह है कि गौला नदी में खनन निकासी करने वाले वाहन स्वामी भाड़ा बढ़ाए जाने की मांग पर हड़ताल पर हैं. नदी पर खनन निकासी के लिए करीब 7500 से अधिक वाहन लगाए जाते हैं.
पिछले 10 दिन से गौला नदी में खनन निकासी नहीं होने से मैदानी इलाकों में भी रेता, बजरी की सप्लाई ठप है. दूसरी तरफ स्टोन क्रशर संचालक भी रेता, बजरी नहीं खरीद रहे हैं. इस कारण सरकार को भी रोजाना करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वाहन स्वामियों का कहना है कि स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा पहले उनको ₹35 प्रति क्विंटल भाड़ा मिलता था, जो घटकर अब ₹25 हो गया है. जबकि, डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं. लेकिन उनका भाड़ा बढ़ने के बजाय कम हो गया है. लिहाजा, भाड़ा बढ़ाए जाने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. फिलहाल, गौला नदी के सभी 11 गेट हल्द्वानी से लेकर शांतिपुर तक पूरी तरह से बंद है.
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गौरतलब है कि गौला नदी में खनन निकासी से केवल वाहन स्वामी ही प्रभावित नहीं हुए हैं, बल्कि खनन निकासी बंद होने से 25 हजार से अधिक प्रत्यक्ष रूप से लगे मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इस व्यवसाय से एक लाख से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी जुड़े हैं, लिहाजा गौला नदी में खनन बंद होने से करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान भी क्षेत्र को हो रहा है. हड़ताल पर बैठे वाहन स्वामियों का स्पष्ट कहना है कि क्रशर स्वामी भाड़ा नहीं बढ़ा रहे हैं, लिहाजा उन्होंने भाड़ा बढ़ाने को लेकर अनिश्चितकालीन बंदी का एलान किया है.