हल्द्वानी: हल्दुचौड़ क्षेत्र के रहने वाले एक काश्तकार ने जनपद में पहला हाईटेक मशरूम उत्पादन प्लांट लगाया है. जिसके माध्यम से प्रति सालाना 50 टन मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. यही नहीं वह मशरूम उत्पादन के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. जबकि उनके की ओर से उत्पादित मशरूम की डिमांड लखनऊ, गोरखपुर समेत कई मंडियों से आ रही है.
हल्द्वानी के हल्दुचौड़ क्षेत्र के रहने वाले एक काश्तकार लाल सिंह धपोला ने पीएम की आत्मनिर्भर भारत और 'वोकल फॉर लोकल' से प्रेरणा लेते हुए अपने घर पर ही 50 टन प्रति सालाना मशरूम उत्पादन का हाईटेक प्लांट लगाया है. जिसके माध्यम से वह नैनीताल जिले में मशरूम के क्षेत्र में सबसे बड़ा उत्पादन का काम कर रहे हैं. लाल सिंह धपोला के प्लांट में उत्पादित मशरूम की अपनी अलग क्वालिटी है. बताया जा रहा है कि बटन मशरूम नाम से मसूर मशरूम प्रोटीन युक्त है. जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. ऐसे में उनकी मशरूम की डिमांड राज्य के अन्य मंडियों से भी आ रही है. उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन प्लांट के माध्यम से करीब 20 से 25 स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्लांट की स्थापना की और अब उन्होंने मशरूम उत्पादन का काम शुरू कर दिया है. वर्तमान में मशरूम का उत्पादन कम हो रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में मशरूम का उत्पादन और बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि हॉर्टिकल्चर विभाग के सहयोग से उन्होंने इस प्लांट की स्थापना की है और सरकार से भी सब्सिडी मिली है. इस प्लांट की स्थापना करने में करीब 1 करोड़ रुपये खर्च आया है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में अन्य लोगों को भी मशरूम के माध्यम से रोजगार देंगे.
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उन्होंने बताया कि उनके द्वारा उत्पादित मशरूम की डिमांड हल्द्वानी के अलावा अन्य मंडियों से भी आ रही है. वे प्रोटीन युक्त मशरूम तैयार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि मशरूम मे कैंसर रोधक होती है और मशरूम खाने से कैंसर की बीमारी कम होने की संभावना रहती है. उनके मशरूम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ₹140 प्रति किलो मिल रहा है.