ETV Bharat / state

अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार पर HC सख्त, तीन जिलों के वकीलों की मांगी सूची

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से तीनों जिलों के अधिवक्ताओं की सूची तलब की है, जो हाई कोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट
author img

By

Published : Apr 5, 2019, 12:31 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में सालों से न्यायालयों में किए जा रहे कार्य बहिष्कार को बेहद गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने माना कि तीनों जिलों में अधिवक्ताओं की हड़ताल से वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहा है. साथ ही हड़ताल करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से तीनों जिलों के अधिवक्ताओं की सूची तलब की है, जो हाई कोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं.

पढ़ें- विधानसभा चुनाव में दिखाए तेवर और छोड़ी दी पार्टी, अब लोकसभा चुनाव में कर रहे घर वापसी

बता दें कि देहरादून निवासी ईश्वर सांडिल्य ने साल 2016 में कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था दून बार एसोसिएशन द्वारा पिछले 34 साल से हर शनिवार को हड़ताल की जा रही है. जिससे न्याय प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. इस वजह से वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल रहा है. अधिवक्ताओं ने शनिवार को हड़ताल कर अवकाश का दिन मान लिया है.

पढ़ें- PM मोदी की सभा के लिए सिलवाई गई विशेष जैकेट, देखें वीडियो

याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड के समस्त बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, स्टेट बार काउंसिल, बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया को याचिका में पक्षकार बनाया है. पूर्व में कोर्ट ने तीनों जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से जिला बार एसोसिएशन द्वारा पिछले कई सालों में की गई हड़तालों का ब्यौरा तलब किया है. कोर्ट ने हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार दिया है. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार नियत की है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में सालों से न्यायालयों में किए जा रहे कार्य बहिष्कार को बेहद गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एनएस धानिक की खंडपीठ ने माना कि तीनों जिलों में अधिवक्ताओं की हड़ताल से वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल पा रहा है. साथ ही हड़ताल करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से तीनों जिलों के अधिवक्ताओं की सूची तलब की है, जो हाई कोर्ट में प्रेक्टिस करते हैं.

पढ़ें- विधानसभा चुनाव में दिखाए तेवर और छोड़ी दी पार्टी, अब लोकसभा चुनाव में कर रहे घर वापसी

बता दें कि देहरादून निवासी ईश्वर सांडिल्य ने साल 2016 में कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था दून बार एसोसिएशन द्वारा पिछले 34 साल से हर शनिवार को हड़ताल की जा रही है. जिससे न्याय प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. इस वजह से वादकारियों को समय से न्याय नहीं मिल रहा है. अधिवक्ताओं ने शनिवार को हड़ताल कर अवकाश का दिन मान लिया है.

पढ़ें- PM मोदी की सभा के लिए सिलवाई गई विशेष जैकेट, देखें वीडियो

याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड के समस्त बार एसोसिएशन, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, स्टेट बार काउंसिल, बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया को याचिका में पक्षकार बनाया है. पूर्व में कोर्ट ने तीनों जिलों के जिला एवं सत्र न्यायाधीशों से जिला बार एसोसिएशन द्वारा पिछले कई सालों में की गई हड़तालों का ब्यौरा तलब किया है. कोर्ट ने हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करार दिया है. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार नियत की है.

Intro:री सेंड

फ़ाईल विज़ुअल के साथ खबर

स्लग-हड़ताल वकिल

रिपोर्ट -गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर- प्रदेश में वकीलों द्वारा शनिवार को करे जाने वाले कार्य बहिस्कार ( हड़ताल ) के मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश एन एस धानिक की खंडपीठ ने देहरादून,हरिद्वार और उधम सिंह नगर में लंबे समय से काम कर रहे वकीलों की सूची सोमवार (7अप्रैल) को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं साथ ही कोर्ट ने माना कि वकीलों द्वारा किये जाने वाला कार्य बहिस्कार असंवैधानिक है जिससे जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है


Body:आपको बता दें कि देहरादून निवासी ईश्वर शांडिल्य ने 2016 में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून बार एसोसिएशन द्वारा विगत 34 सालों से हर शनिवार को कार्य बहिष्कार ( हड़ताल) की जा रही है जिससे न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है और वाद कार्यों को उचित व समय पर न्याय नहीं मिल रहा है,,,
वहीं याचिकाकर्ता का कहना है की वकीलों द्वारा शनिवार को अवकाश का दिन मान लिया है जिससे दूर-दूर से कोर्ट में आने वाले वात कार्यों को काफी दिक्कतें हो रही है


Conclusion:याचिकाकर्ता ने प्रदेश के सभी जिलो कि जिला बार एसोसिएशन,, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन,, स्टेट बार काउंसिल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी याचिका में पक्षकार बनाया है,,,
पूर्व में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने तीनों बार एसोसिएशन द्वारा 2018 में की गई हड़ताल का ब्यौरा जिला जज देहरादून जिला जज हरिद्वार और जिला जज उधम सिंह नगर को नैनीताल में पेश करने को कहा था,,,
जिसके बाद तीनों जिलों के जजों ने रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी वही आज मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए देहरादून हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिलों में कार्य बहिष्कार करने वाले वकीलों की लिस्ट सोमवार 7 अप्रैल को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं

खबर मे hc के विज़ुअल लगा दे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.