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UKSSSC Paper Leak Case: HC ने आठ आरोपियों की जमानत याचिका की खारिज, कोर्ट ने माना समाज विरोधी कृत्य

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) पेपर लीक केस में आरोपियों की उत्तराखंड हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने आठ आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट का मानना है कि आरोपियों ने गरीब बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, ऐसे समाज विरोधी कृत्य में आरोपियों को कोई राहत नहीं दी जा सकती है.

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Published : Mar 1, 2023, 6:24 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) पेपर लीक केस में जेल में बंद आठ आरोपियों ने उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बाकी के मामलों में सुनवाई आने वाले दिनों में जारी रहेगी. निचली अदालत इन आठ आरोपियों की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है.

हाईकोर्ट ने इन आरोपियों खासकर सरकारी कार्मिक द्वारा पैसों के लालच में हजारों गरीब बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने को समाज विरोधी कृत्य मानते हुए उन्हें कोई राहत नहीं दी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. सरकार ने इस मामले के घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की मजबूत पैरवी के लिये हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित शर्मा को स्पेशल काउंसिल नियुक्त किया है.
पढ़ें- CM Dhami on Paper Leak: 'मैं भी पेपर लीक केस की CBI जांच कराना चाहता हूं, लेकिन...'

मंगलवार को जिन आरोपियों की जमानत खारिज हुई उनमें हिमांशु कांडपाल, तनुज शर्मा, विपिन बिहारी, शशिकांत सिंह, ललित राज शर्मा, संदीप शर्मा और राजेश चौहान के नाम शामिल हैं. जबकि एक आरोपी मनोज जोशी की जमानत पिछले शनिवार को खारिज हो गई थी.

आज जिन आरोपियों की जमानत खारिज हुई उनमें राजेश चौहान आरएमएस कंपनी के मालिक हैं, जहां भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपे थे. इसके साथ ही विपिन बिहारी और कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाला शशिकांत सिंह हैं.
पढ़ें- Paper Leak Case: AE-JE और पटवारी पेपर लीक केस में तीन और गिरफ्तारियां, पुलिस की रडार पर कई कोचिंग सेंटर

वहीं, ललित राज शर्मा अवर अभियंता, हिमांशु कांडपाल रामनगर में क्लर्क और तनुज शर्मा सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं. इन सभी के खिलाफ अभियोग संख्या 289/2022 रायपुर देहरादून थाने में यूकेएसएसएससी की ओर से मुकदमा दर्ज हुआ था और सभी आरोपी गिरफ्तार हुए थे.

नैनीताल: उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) पेपर लीक केस में जेल में बंद आठ आरोपियों ने उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जमानत याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बाकी के मामलों में सुनवाई आने वाले दिनों में जारी रहेगी. निचली अदालत इन आठ आरोपियों की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर चुकी है.

हाईकोर्ट ने इन आरोपियों खासकर सरकारी कार्मिक द्वारा पैसों के लालच में हजारों गरीब बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने को समाज विरोधी कृत्य मानते हुए उन्हें कोई राहत नहीं दी. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई. सरकार ने इस मामले के घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की मजबूत पैरवी के लिये हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित शर्मा को स्पेशल काउंसिल नियुक्त किया है.
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मंगलवार को जिन आरोपियों की जमानत खारिज हुई उनमें हिमांशु कांडपाल, तनुज शर्मा, विपिन बिहारी, शशिकांत सिंह, ललित राज शर्मा, संदीप शर्मा और राजेश चौहान के नाम शामिल हैं. जबकि एक आरोपी मनोज जोशी की जमानत पिछले शनिवार को खारिज हो गई थी.

आज जिन आरोपियों की जमानत खारिज हुई उनमें राजेश चौहान आरएमएस कंपनी के मालिक हैं, जहां भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपे थे. इसके साथ ही विपिन बिहारी और कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाला शशिकांत सिंह हैं.
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वहीं, ललित राज शर्मा अवर अभियंता, हिमांशु कांडपाल रामनगर में क्लर्क और तनुज शर्मा सरकारी विद्यालय में शिक्षक हैं. इन सभी के खिलाफ अभियोग संख्या 289/2022 रायपुर देहरादून थाने में यूकेएसएसएससी की ओर से मुकदमा दर्ज हुआ था और सभी आरोपी गिरफ्तार हुए थे.

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