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राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में रैगिंग का मामला, HC ने जनहित याचिका पर की सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court hearing) ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी (Government Medical College Haldwani) में 27 छात्रों के साथ हुई रैगिंग मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.

Uttarakhand High Court hearing)
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Apr 20, 2022, 5:38 PM IST

नैनीताल: राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी (Government Medical College Haldwani) में 27 छात्रों के साथ हुई रैगिंग मामले में दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court hearing) में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता से दो सप्ताह के भीतर प्रति शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 मई को (PIL filed against ragging case) होगी.

आज याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और जीबी पन्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में भी जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग हुई है. पंतनगर विश्वविद्यालय में 6 अप्रैल को जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग होने की खबर सामने आई थी, जिसमें सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को कई घंटे कड़ी धूप में खड़ा किया था. इस दौरान एक छात्रा बेहोश भी हो गई थी. उसके बाद दो हॉस्टलों के छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी.
पढ़ें- हल्द्वानी रैगिंग: डैंड्रफ की वजह से छात्रों ने मुंडवाए सिर? प्रबंधन का तुगलकी फरमान, गंजा होने से पहले छात्र लें इजाजत

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कहा था कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर उनके साथ रैगिंग की गई थी. उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े सिर मुंडवाये हुए हैं. सभी के हाथ पीछे की और हैं. एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी स्टाइल में खड़ा हुआ है कि कहीं छात्र भाग न जाएं. रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है.

समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि ये सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं. प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए हैं. इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है तो कॉलेज की तरफ कहा जा रहा है कि छात्रों के बालों में डैंड्रफ और जूं थी. इसलिए इनके बाल मुंडवा दिये गए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया था.
पढ़ें- हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग से हड़कंप, सिर मुंडवाए छात्रों की कथित परेड का Video Viral

नैनीताल: राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी (Government Medical College Haldwani) में 27 छात्रों के साथ हुई रैगिंग मामले में दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court hearing) में सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने याचिकाकर्ता से दो सप्ताह के भीतर प्रति शपथ पत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 11 मई को (PIL filed against ragging case) होगी.

आज याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और जीबी पन्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर में भी जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग हुई है. पंतनगर विश्वविद्यालय में 6 अप्रैल को जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग होने की खबर सामने आई थी, जिसमें सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को कई घंटे कड़ी धूप में खड़ा किया था. इस दौरान एक छात्रा बेहोश भी हो गई थी. उसके बाद दो हॉस्टलों के छात्रों के बीच मारपीट भी हुई थी.
पढ़ें- हल्द्वानी रैगिंग: डैंड्रफ की वजह से छात्रों ने मुंडवाए सिर? प्रबंधन का तुगलकी फरमान, गंजा होने से पहले छात्र लें इजाजत

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कहा था कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 27 छात्रों का सिर मुंडवाकर उनके साथ रैगिंग की गई थी. उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है. हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े सिर मुंडवाये हुए हैं. सभी के हाथ पीछे की और हैं. एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी स्टाइल में खड़ा हुआ है कि कहीं छात्र भाग न जाएं. रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है.

समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि ये सभी छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं. प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियर छात्रों ने दिए हैं. इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है तो कॉलेज की तरफ कहा जा रहा है कि छात्रों के बालों में डैंड्रफ और जूं थी. इसलिए इनके बाल मुंडवा दिये गए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा वायरल वीडियो को कोर्ट में दिखाया गया था.
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