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उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बागेश्वर में खड़िया खनन पर लगाई रोक - बागेश्वर में खड़िया का खनन

बागेश्वर जिले में खड़िया के खनन को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार को खड़िया खनन रोकने को कहा है. इस मामले में बागेश्वर के हीरा सिंह पपोला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी.

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Published : Oct 19, 2022, 8:08 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर के तहसील कपकोट में खनन माफिया द्वारा अवैध रूप किए जा रहे खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खड़िया खनन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य को निर्देशित किया है कि भविष्य में इस क्षेत्र में कोई खनन पट्टा जारी न किया जाए.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई. मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर जिले की तहसील कपकोट के रिमाघाटी, गुलामप्रगड व भीयूं गांव में सरकार द्वारा खनन पट्टा दिया है, जिसमे खनन माफिया द्वारा मात्रा से अधिक अवैध खनन किया जा रहा है और अवैध खनन को बाहर ले जाने के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़क भी बना ली है.
पढ़ें- विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त अन्य कर्मचारियों को भी नैनीताल HC से मिली राहत

याचिकाकर्ता का कहना था कि अंधाधुंध हो रहे खनन के चलते गांव के जलस्रोत सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं. अवैध रूप से किए जा रहे खनन से होने वाले दुष्प्रभाव से गांव को बचाया जाए. ऐसे में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खड़िया खनन पर रोक लगा दी है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर के तहसील कपकोट में खनन माफिया द्वारा अवैध रूप किए जा रहे खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खड़िया खनन पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य को निर्देशित किया है कि भविष्य में इस क्षेत्र में कोई खनन पट्टा जारी न किया जाए.

मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में हुई. मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बागेश्वर जिले की तहसील कपकोट के रिमाघाटी, गुलामप्रगड व भीयूं गांव में सरकार द्वारा खनन पट्टा दिया है, जिसमे खनन माफिया द्वारा मात्रा से अधिक अवैध खनन किया जा रहा है और अवैध खनन को बाहर ले जाने के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़क भी बना ली है.
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याचिकाकर्ता का कहना था कि अंधाधुंध हो रहे खनन के चलते गांव के जलस्रोत सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं. अवैध रूप से किए जा रहे खनन से होने वाले दुष्प्रभाव से गांव को बचाया जाए. ऐसे में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खड़िया खनन पर रोक लगा दी है.

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