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हाईकोर्ट ने वकीलों को दी सलाह, इन मामलों में मुख्य सचिव को ना बनाएं पक्षकार

उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनन्जय चतुर्वेदी ने सोमवार के एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें उन्होंने सरकार से सम्बंधित मामलों में मुख्य सचिव को पक्षकार न बनाने की सलाह दी है.

Uttarakhand High Court news
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Published : Nov 8, 2021, 7:47 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं से सरकार से सम्बंधित मामलों में मुख्य सचिव को पक्षकार न बनाने की सलाह दी है. इसको लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.

रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बार के सदस्य इस बात से सहमत होंगे कि यद्यपि सरकार के मुख्य सचिव राज्य सचिवालय के प्रमुख होते हैं, लेकिन सरकार का कोई भी विभाग उनके पोर्टफोलियो में नहीं आता है. जबकि सरकार के सचिव/प्रमुख सचिव अपने-अपने विभागों के सचिव होते हैं. इस प्रकार वे अपने विभागों के सभी मामलों को देखते हैं.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट टिहरी बांध को लेकर सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों समेत टीएचडीसी से मांगा जवाब

इसके अलावा राज्य से जुड़े मुकदमे से संबंधित मामलों को केवल संबंधित विभागों द्वारा देखा जाता है, न कि मुख्य सचिव के कार्यालय द्वारा. बार के सदस्य इस बात से भी सहमत होंगे कि नियमों के अनुसार भी राज्य को संबंधित विभाग के सचिव/ प्रमुख सचिव के माध्यम से ही पक्षकार होना चाहिए. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए जहां राज्य को पक्षकार बनाया जाना है, वहां राज्य के संबंधित विभाग के सचिव/प्रमुख सचिव को ही पक्षकार बनाया जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं से सरकार से सम्बंधित मामलों में मुख्य सचिव को पक्षकार न बनाने की सलाह दी है. इसको लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.

रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बार के सदस्य इस बात से सहमत होंगे कि यद्यपि सरकार के मुख्य सचिव राज्य सचिवालय के प्रमुख होते हैं, लेकिन सरकार का कोई भी विभाग उनके पोर्टफोलियो में नहीं आता है. जबकि सरकार के सचिव/प्रमुख सचिव अपने-अपने विभागों के सचिव होते हैं. इस प्रकार वे अपने विभागों के सभी मामलों को देखते हैं.

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इसके अलावा राज्य से जुड़े मुकदमे से संबंधित मामलों को केवल संबंधित विभागों द्वारा देखा जाता है, न कि मुख्य सचिव के कार्यालय द्वारा. बार के सदस्य इस बात से भी सहमत होंगे कि नियमों के अनुसार भी राज्य को संबंधित विभाग के सचिव/ प्रमुख सचिव के माध्यम से ही पक्षकार होना चाहिए. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए जहां राज्य को पक्षकार बनाया जाना है, वहां राज्य के संबंधित विभाग के सचिव/प्रमुख सचिव को ही पक्षकार बनाया जाए.

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