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नगर पंचायत पुरोला के चेयरमैन पर सरकारी भूमि के दुरुपयोग करने का आरोप, कोर्ट से सरकार से 24 घंटे में मांगा स्पष्टीकरण

Nagar Panchayat Purola President नगर पंचायत पुरोला के अध्यक्ष द्वारा सरकारी भूमि के दुरुपयोग के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी.

NAINITAL
नैनीताल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 5, 2023, 7:34 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर पंचायत पुरोला के निवर्तमान चेयरमैन पर वित्तीय अनियमितता करने और उनके द्वारा सरकारी भूमि का दुरुपयोग करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में 24 घंटे के भीतर उनके कार्यकाल की स्थिति से स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. जबकि जनहित याचिका में मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है.

मामले के मुताबिक, पुरोला के वार्ड मेंबर विनोद नौडियाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि निवर्तमान नगर पंचायत चेयरमैन ने सरकारी जमीन पर ना सिर्फ अपना होटल बनाया है. बल्कि कई सरकारी जमीनों को अधिकारियों के साथ मिलकर खुर्द बुर्द किया है. इसकी पहले भी जांच हुई है, जिसमें वित्तीय अनियमितता करने के आरोप सही पाए गए हैं. लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई आज तक नहीं की. जनहित याचिका में सीबीआई या फिर एसआईटी से जांच करने के साथ-साथ दोषियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर लगाई रोक, जानें कारण

सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सुनवाई बुधवार को भी जारी रखी है. आज मामले में बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ, पूर्व महाधिवक्ता वीवीएस नेगी और अधिवक्ता रवींद्र बिष्ट ने पैरवी की. मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबीता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ, कुलदीप सिंह और 102 अन्य ने एकलपीठ ने चुनौती दी है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नगर पंचायत पुरोला के निवर्तमान चेयरमैन पर वित्तीय अनियमितता करने और उनके द्वारा सरकारी भूमि का दुरुपयोग करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में 24 घंटे के भीतर उनके कार्यकाल की स्थिति से स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. जबकि जनहित याचिका में मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई है.

मामले के मुताबिक, पुरोला के वार्ड मेंबर विनोद नौडियाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि निवर्तमान नगर पंचायत चेयरमैन ने सरकारी जमीन पर ना सिर्फ अपना होटल बनाया है. बल्कि कई सरकारी जमीनों को अधिकारियों के साथ मिलकर खुर्द बुर्द किया है. इसकी पहले भी जांच हुई है, जिसमें वित्तीय अनियमितता करने के आरोप सही पाए गए हैं. लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई आज तक नहीं की. जनहित याचिका में सीबीआई या फिर एसआईटी से जांच करने के साथ-साथ दोषियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है.
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सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने सुनवाई बुधवार को भी जारी रखी है. आज मामले में बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ, पूर्व महाधिवक्ता वीवीएस नेगी और अधिवक्ता रवींद्र बिष्ट ने पैरवी की. मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबीता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ठ, कुलदीप सिंह और 102 अन्य ने एकलपीठ ने चुनौती दी है.

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