नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी रामविलास यादव की पत्नी कुसुम यादव के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि कुसुम यादव जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं. बार बार विजिलेंस को मेल भेजकर समय मांग रही हैं. वह विजिलेंस के सामने पेश नहीं होना चाहती हैं. जबकि विजिलेंस ने उन्हें जून महीने में पूछताछ के लिए नोटिस दे दिया था.
वहीं, कुसुम यादव की तरफ से कहा गया कि लखनऊ में उनके मकान के डिमोलिशन के नोटिस आ गए हैं. अभी वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चक्कर काट रही हैं. इस वजह से वह विजिलेंस के सम्मुख पेश नहीं हो पा रही हैं. कुसुम यादव की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि विजिलेंस उनको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत दी जाए और वे विजिलेंस के सम्मुख अपना बयान दे सकें. जबकि उनके पुत्र व पुत्री ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं.
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रामविलास यादव ने अपने बयान में विजिलेंस के सामने कहा था कि उनकी पत्नी ही सारे हिसाब किताब रखती हैं. इसी वजह से विजिलेंस उनको पूछताछ के लिए बार बार नोटिस दे रही है. विजिलेंस को रामविलास यादव के पास आय से 500 गुना अधिक संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं.