नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अंतरजातीय प्रेमी जोड़े को सुरक्षा दिलाए जाने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने एसएसपी देहरादून को आदेश दिए हैं कि प्रेमी जोड़े को सुरक्षा दिलाई जाए.
मामले के मुताबिक, रुड़की की एक 27 वर्षीय युवती व देहरादून का 32 वर्षीय युवक ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुरक्षा दिलाए जाने को लेकर याचिका दायर की. याचिका में युवती की तरफ से कहा गया कि वह नोएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती है. वह अरेंज मैरिज नहीं करना चाहती है, क्योंकि उसका प्रेम प्रंसग देहरादून के एक युवक के साथ चल रहा है. अप्रैल माह में घरवालों ने उसकी शादी रुड़की के एक युवक के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध जाकर कर दी, जो न्यूजीलैंड में जॉब करता है.
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शादी के बाद लड़की ने अपने पति से कहा कि वह देहरादून के एक युवक से प्रेम करती है, उसी से शादी करना चाहती है, तुमसे (पति) तलाक चाहिए. इसको सुनकर उसका पति उसे छोड़कर न्यूजीलैंड चला गया और लड़की नोएडा अपने जॉब पर चली गई. जब वह (युवती) ससुराल नहीं गई तो उसके घरवालों ने उसके बॉय फ्रेंड के साथ मारपीट कर दी. लड़की के कहीं आने जाने पर भी पांबदी तक लगा दी. इसके बाद प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा दिलाए जाने को लेकर उच्च न्यायालय में सुरक्षा याचिका दायर की. जिसपर कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा देने के आदेश एसएसपी देहरादून को दिए.