रामनगर: नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) ने चारधाम यात्रा (chardham yatra ban) पर रोक लगाने का जो आदेश दिया है, उस आदेश को उत्तराखंड सरकार (uttarakhand government) सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में चुनौती दे सकती है. उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल (subodh uniyal) ने कहा कि चारधाम यात्रा (chardham yatra) को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसकी लिखित कॉपी अभी उन्हें नहीं मिली है. लिखित आदेश आने के बाद उसको देखा जाएगा. उसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने साफ कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट के लिखित आदेश का परीक्षण करने के बाद और सारे हालत देखने के बाद ही उत्तराखंड सरकार जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी. उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर चारोंधामों में 750 यात्री ही दर्शन कर सकते थे.
उन्होंने कहा कि चारोंधामों में तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित की गई है. इसके अलवा एक-एक अधिकारी को हर धाम में देवस्थानम् बोर्ड और जिला प्रशासन के साथ बैठकर उनके साथ यात्रा की तैयारियों और उसकी मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी के साथ भेजने का निर्णय लिया था. ऐसी परिस्थिति में भी उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर जो स्टे किया है, उस पर आदेश की कॉपी मिलने के बाद उसका परीक्षण किया जाएगा. जरूरत पड़ेगी तो आगे का निर्णय लेते हुए उच्चतम न्यायालय जाएंगे.
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बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला लिया था. इस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. सोमवार को हुई सुनवाई में नैनीताल हाईकोर्ट राज्य सरकार के स्वास्थ्य इंतजाम से संतुष्ट नहीं दिखा. इसीलिए कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं का जीवन महत्वपूर्ण है. यह कहते हुए हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी है.