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सर्दियों में पहाड़ की गडेरी और गेठी की बढ़ी डिमांड, डायबिटीज में हैं फायदेमंद

सर्दी के मौसम में पहाड़ों पर इन दिनों गडेरी और गेठी (Uttarakhand vegetable gaderi and gethi) तैयार हो चुकी है. किसानों की मानें तो पहाड़ पर उत्पादित होने वाली इन सब्जियों की डिमांड मंडियों में खूब है. किसान सरकार से गडेरी और गेठी उत्पादन में प्रोत्साहन देने की मांग कर रहे हैं.

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Published : Nov 25, 2022, 11:19 AM IST

Updated : Nov 25, 2022, 12:20 PM IST

हल्द्वानी: पहाड़ की सब्जियां और दालों को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. सर्दी के मौसम में पहाड़ों पर इन दिनों गडेरी और गेठी सब्जी (Uttarakhand vegetable gaderi and gethi) तैयार हो चुकी है. इनकी मंडियों में खूब डिमांड हो रही है. पर्वतीय अंचलों में गडेरी और गेठी जाड़ों में खूब खाई जाती है. वहीं किसानों की मानें तो पहाड़ पर उत्पादित होने वाली इन सब्जियों की डिमांड मंडियों में खूब है. लेकिन सरकार द्वारा इन सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है. जिससे उनका काश्तकारी से मोहभंग हो रहा है.

उत्पादन कम मांग ज्यादा: गडेरी और गेठी (vegetable gaderi and gethi) की तासीर गर्म होती है. इसी वजह से सर्दियों में लोग इन्हें ज्यादा खाते हैं. बाजार में गडेरी और गेठी ₹40 से ₹50 किलो बिक रही हैं. लेकिन डिमांड अधिक होने के चलते इनकी आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही है. गेठी और गडेरी का उत्पादन सबसे ज्यादा नैनीताल जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के अलावा अल्मोड़ा जिले के कोसी नदी वाले इलाकों में होता है.

सर्दियों में पहाड़ की गडेरी और गेठी की बढ़ी डिमांड
पढ़ें-अपने गांव से सब्जियां लाए हरीश रावत, पत्नी को दिखाते हुए वीडियो किया साझा

क्या कह रहे व्यापारी: कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी मंडी (Haldwani Mandi) के व्यापारी जीवन सिंह कार्की का कहना है कि पहाड़ में उत्पादित होने वाली गडेरी और गेठी की सब्जी की इन दिनों डिमांड बढ़ गई है. डिमांड के अनुसार आवक नहीं है. सरकार को चाहिए कि पहाड़ पर होने वाली इन सब्जियों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाए. जिससे पहाड़ की परंपरागत सब्जियों को संरक्षण के साथ-साथ उनको बढ़ावा मिल सके. साथ ही किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो सके.

Haldwan
पहाड़ की गडेरी की बढ़ी मांग

डॉक्टर ने बताया विटामिन की खान: आयुर्वेदिक डॉक्टर (Haldwani Ayurvedic Doctor) प्रदीप मेहरा के मुताबिक मौसम के अनुकूल लोगों को सब्जियां खानी चाहिए. मौसम के अनुकूल ही सब्जियों का उत्पादन होता है. रही बात पहाड़ की गडेरी और गेठी की तो इसके फायदे भी चौंकाने वाले हैं. ये फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं. इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं. गडेरी में सोडियम की काफी मात्रा पाई जाती है. यह तनाव को भी दूर कर सकता है. कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकती है. मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है. इंसुलिन और ग्लूकोज की मात्रा का संतुलन बना रहता है. पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है. इन सब्जियों की तासीर गर्म मानी जाती है.

Haldwan
औषधीय गुणों से भरपूर है गेठी
पढ़ें-चैती मेले में छाए पहाड़ी उत्पाद, लोग जमकर कर रहे खरीददारी

किसानों का मोहभंग: किसानों की मानें तो पहाड़ पर उत्पादित होने वाले इन सब्जियों की डिमांड मंडियों में खूब है. लेकिन सरकार द्वारा इन सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि किसानों का पहाड़ पर होने वाले पारंपरिक सब्जियों और दालों के प्रति मोहभंग हो रहा है.

हल्द्वानी: पहाड़ की सब्जियां और दालों को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. सर्दी के मौसम में पहाड़ों पर इन दिनों गडेरी और गेठी सब्जी (Uttarakhand vegetable gaderi and gethi) तैयार हो चुकी है. इनकी मंडियों में खूब डिमांड हो रही है. पर्वतीय अंचलों में गडेरी और गेठी जाड़ों में खूब खाई जाती है. वहीं किसानों की मानें तो पहाड़ पर उत्पादित होने वाली इन सब्जियों की डिमांड मंडियों में खूब है. लेकिन सरकार द्वारा इन सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है. जिससे उनका काश्तकारी से मोहभंग हो रहा है.

उत्पादन कम मांग ज्यादा: गडेरी और गेठी (vegetable gaderi and gethi) की तासीर गर्म होती है. इसी वजह से सर्दियों में लोग इन्हें ज्यादा खाते हैं. बाजार में गडेरी और गेठी ₹40 से ₹50 किलो बिक रही हैं. लेकिन डिमांड अधिक होने के चलते इनकी आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही है. गेठी और गडेरी का उत्पादन सबसे ज्यादा नैनीताल जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों के अलावा अल्मोड़ा जिले के कोसी नदी वाले इलाकों में होता है.

सर्दियों में पहाड़ की गडेरी और गेठी की बढ़ी डिमांड
पढ़ें-अपने गांव से सब्जियां लाए हरीश रावत, पत्नी को दिखाते हुए वीडियो किया साझा

क्या कह रहे व्यापारी: कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी मंडी (Haldwani Mandi) के व्यापारी जीवन सिंह कार्की का कहना है कि पहाड़ में उत्पादित होने वाली गडेरी और गेठी की सब्जी की इन दिनों डिमांड बढ़ गई है. डिमांड के अनुसार आवक नहीं है. सरकार को चाहिए कि पहाड़ पर होने वाली इन सब्जियों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाए. जिससे पहाड़ की परंपरागत सब्जियों को संरक्षण के साथ-साथ उनको बढ़ावा मिल सके. साथ ही किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो सके.

Haldwan
पहाड़ की गडेरी की बढ़ी मांग

डॉक्टर ने बताया विटामिन की खान: आयुर्वेदिक डॉक्टर (Haldwani Ayurvedic Doctor) प्रदीप मेहरा के मुताबिक मौसम के अनुकूल लोगों को सब्जियां खानी चाहिए. मौसम के अनुकूल ही सब्जियों का उत्पादन होता है. रही बात पहाड़ की गडेरी और गेठी की तो इसके फायदे भी चौंकाने वाले हैं. ये फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती हैं. इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं. गडेरी में सोडियम की काफी मात्रा पाई जाती है. यह तनाव को भी दूर कर सकता है. कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकती है. मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है. इंसुलिन और ग्लूकोज की मात्रा का संतुलन बना रहता है. पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है. इन सब्जियों की तासीर गर्म मानी जाती है.

Haldwan
औषधीय गुणों से भरपूर है गेठी
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किसानों का मोहभंग: किसानों की मानें तो पहाड़ पर उत्पादित होने वाले इन सब्जियों की डिमांड मंडियों में खूब है. लेकिन सरकार द्वारा इन सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि किसानों का पहाड़ पर होने वाले पारंपरिक सब्जियों और दालों के प्रति मोहभंग हो रहा है.

Last Updated : Nov 25, 2022, 12:20 PM IST
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