हल्द्वानी: उत्तराखंड के जंगलों में वन तस्करों का खात्मा करने लिए वनकर्मी तमिलनाडु एसटीएफ के उन जवानों से ट्रेनिंग ले रहे है, जिन्होंने कभी कुख्यात वन तस्कर वीरप्पन का अंत किया था. तमिलनाडु एसटीएफ के जवान जे. सुरेश और उनकी टीम इस समय हल्द्वानी के जौलासाल जंगल में है, जहां वे वन कर्मियों ट्रेनिंग दे रहे हैं. चार दिवसीय इस ट्रेनिंग में जे. सुरेश उत्तराखंड के वनकर्मियों को वनों की सुरक्षा, हथियार चलाना और जंगल सर्वाइवल कॉम्बैट की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
तमिलनाडु के जंगलों की तरह ही अब हल्द्वानी वन प्रभाग के वनों की सुरक्षा की जाएगी. इसके लिए तमिलनाडु एसटीएफ के जे. सुरेश को बुलाया गया है. जो नंधौर टाइगर रिजर्व में पांच वन रेंजों के करीब 50 वन आरक्षी, वन दरोगा और डिप्टी रेंजर को चार दिनों तक ट्रेनिंग देंगे.
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ट्रेनिंग के दौरान जे. सुरेश जंगल सर्वाइवल कॉम्बैट, जंगलों में वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ वनों की बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी रोकने, वन तस्करों से मुठभेड़ के दौरान हथियार चलाने, विपरीत परिस्थितियों में जंगल अंदर जूझते हुए कर्तव्य निर्वहन करते हुए वन तस्करों से कैसे निपटा जाए इसको लेकर ट्रेनिंग दे रहे हैं. वन विभाग को उम्मीद है कि जे. सुरेश की ट्रेनिंग के बाद वन कर्मियों की कार्य कुशलता में बढ़ोतरी होगी. जंगलों में जानवारों के अवैध शिकार समेत इस तरह की अन्य वारदातों पर भी रोक लगेगी.
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बता दें कि जे. सुरेश 2004 में तमिलनाडु के कुख्यात वन तस्कर वीरप्पन को मार गिराने वाली टीम में शामिल थे. उनको तमिलनाडु पुलिस का गैलेंट्री और प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड भी मिल चुका है.