हल्द्वानीः 4 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश करने जा रही है. चुनावी साल होने के चलते इस बार बजट में कुछ खास होने की उम्मीद जताई जा रही हैं. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बजट में त्रिवेंद्र सरकार को काफी सुधार करने की जरूरत है, तभी बेहतर, सशक्त और मजबूत उत्तराखंड का सपना साकार हो पाएगा. आइए जानते हैं उनकी राय.
जाने-माने अर्थशास्त्री रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. बीसी उप्रेती का कहना है कि उत्तराखंड सरकार को इस आखिरी बजट से उत्तराखंड की जनता को काफी उम्मीदें हैं. सरकार को अपनी आमदनी के स्रोत बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना काल में लोग काफी परेशान हुए हैं. सरकार के साथ-साथ आम आदमी के सामने कई तरह की समस्याएं पैदा हुई है. सरकार को अपनी आमदनी के संसाधन को बढ़ाना होगा और आम आदमी को राहत देने की जरूरत है. क्योंकि कोरोना संकट के बाद महंगाई बढ़ी है, साथ ही बेरोजगारी देखने को मिल रही है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की अपनी आमदनी को कैसे बढ़ाए, इसे लेकर सबसे बड़ा विकल्प पर्यटन को बढ़ावा देना है. जिसमें सांस्कृतिक, धार्मिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है.
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वरिष्ठ पत्रकार गणेश जोशी का कहना है कि पिछले 20 सालों में जो उत्तराखंड का सपना था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ है. उत्तराखंड बनाने का जो विजन था, वह अभी तक धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है. सरकार को बेहतर, सशक्त और मजबूत उत्तराखंड बनाने के लिए अपने आय के स्रोत तलाशने की जरूरत है.
पिछले बजट में सरकार ने जहां 53000 करोड़ का बजट था, उससे कहीं ज्यादा प्रदेश पर कर्ज हो गया है. ऐसे में सरकार को कर्ज मुक्त होकर उत्तराखंड को कैसे सशक्त बनाया जा सकें, इसके लिए नए आयाम तलाशने की जरूरत है. जिससे कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो सकें. खनन और शराब के राजस्व के अलावा सरकार को आय के संसाधन की तलाश करने की जरूरत है. इसे लेकर सबसे बेहतर विकल्प पर्यटन को बढ़ावा देना है, जिससे कि यहां के युवाओं को रोजगार मिल सकें और सरकार के अपने आय में इजाफा भी हो सकें.
इसके अलावा उत्तराखंड के पहाड़ में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है. सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर थोड़ा काम तो किया है, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों, तकनीकी टीम, स्टाफ और फार्मासिस्ट की भारी कमी है. साथ ही सड़कों को और बेहतर बनाने की जरूरत है. जिससे कि लोग पहाड़ से पलायन न करें.
वरिष्ठ पत्रकार कमल जगाती की मानें तो इस बजट से प्रदेश के साथ-साथ कुमाऊं के लोगों को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि नैनीताल जनपद की पर्यटन नगरी से पहचान है. यहां के पर्यटन को सुधारने की बेहतर जरूरत है. इसके अलावा सरकार को चाहिए कि रोडवेज की बसों को अतिरिक्त बजट के माध्यम से उनको बेहतर और दुरुस्त बनाकर यात्रियों को सुगम यात्रा उपलब्ध कराई जाए. इससे यात्री सुगम यात्रा का आनंद तो ले ही सकेंगे सरकार के राजस्व का खजाना भी भरेगा.