ETV Bharat / state

कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान मामला, HC ने सरकार को दिए दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश

Tree Cutting हाईकोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच अवैध पेड़ कटान के मामले में सरकार को दोषियों के खिलाफ विभागीय अनुसानात्मक नियमावली 2003 के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

UTTARAKAND
उत्तराखंड हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 28, 2023, 7:52 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे अवैध पेड़ों के कटान के मामले में स्वत संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा नियमों का पता होते हुए अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया जा रहा है, उनके खिलाफ विभागीय अनुसानात्मक नियमावली 2003 के अनुसार कार्रवाई की जाए. साथ ही कोर्ट ने 2006 का केंद्र सरकार का वनाधिकार अधिनियम के तहत किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किनको नहीं? इस पर दो माह के भीतर निर्णय लेने को कहा है.

आज सुनवाई पर सरकार की तरफ से कहा गया कि 2006 केंद्र सरकार के वनाधिकार अधिनियम के तहत किन लोगों को इसका लाभ दिया जाए या नहीं, इसपर अभी निर्णय लिया जाना है. सुनवाई पर आज सेक्रेटरी फॉरेस्ट कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर संतुष्ट नहीं हुई. मामले के अनुसार न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का स्वत संज्ञान लिया. इसपर मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ और अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था.
ये भी पढ़ेंः कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान, HC ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा ये सवाल

कोर्ट ने डीएफओ से पूछा था कि इन लोगों को लकड़ी चुगान के लिए किस नियम के तहत अधिकार दिया गया. अभी तक कितने लोगों का चालान किया गया. इस संबंध में अपना ओरिजनल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें. परंतु विभाग ओरिजनल रिकॉर्ड पेश करने में असफल रहा. कोर्ट ने यह भी संज्ञान लिया था कि सड़क के अंदर लोगों को कृषि करने के लिए भूमि दी गई. फॉरेस्ट चौकियों में तैनात कर्मचारी दशकों से नियुक्त हैं. उनकी सह पर अवैध तरीके से वन संपदा का विदोहन किया जा रहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालाढूंगी से बाजपुर के बीच किए जा रहे अवैध पेड़ों के कटान के मामले में स्वत संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सरकार को निर्देश दिए कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा नियमों का पता होते हुए अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया जा रहा है, उनके खिलाफ विभागीय अनुसानात्मक नियमावली 2003 के अनुसार कार्रवाई की जाए. साथ ही कोर्ट ने 2006 का केंद्र सरकार का वनाधिकार अधिनियम के तहत किन लोगों को इसका लाभ दिया जा सकता है या किनको नहीं? इस पर दो माह के भीतर निर्णय लेने को कहा है.

आज सुनवाई पर सरकार की तरफ से कहा गया कि 2006 केंद्र सरकार के वनाधिकार अधिनियम के तहत किन लोगों को इसका लाभ दिया जाए या नहीं, इसपर अभी निर्णय लिया जाना है. सुनवाई पर आज सेक्रेटरी फॉरेस्ट कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट पूर्व में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं करने पर संतुष्ट नहीं हुई. मामले के अनुसार न्यायमूर्ति ने दिल्ली जाते वक्त उस क्षेत्र में हो रहे पेड़ों के अवैध कटान का स्वत संज्ञान लिया. इसपर मामले की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ और अन्य अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया था.
ये भी पढ़ेंः कालाढूंगी और बाजपुर के बीच पेड़ों का अवैध कटान, HC ने सेक्रेटरी फॉरेस्ट से पूछा ये सवाल

कोर्ट ने डीएफओ से पूछा था कि इन लोगों को लकड़ी चुगान के लिए किस नियम के तहत अधिकार दिया गया. अभी तक कितने लोगों का चालान किया गया. इस संबंध में अपना ओरिजनल रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें. परंतु विभाग ओरिजनल रिकॉर्ड पेश करने में असफल रहा. कोर्ट ने यह भी संज्ञान लिया था कि सड़क के अंदर लोगों को कृषि करने के लिए भूमि दी गई. फॉरेस्ट चौकियों में तैनात कर्मचारी दशकों से नियुक्त हैं. उनकी सह पर अवैध तरीके से वन संपदा का विदोहन किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.