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केंद्रीय वन मंत्री से मिले रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, वन भूमि में रह रहे लोगों की मांग उठाई

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्री के सामने उत्तराखंड की वन भूमि में रह रहे लोगों की बात उठाई. अजय भट्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से कहा कि नैनीताल एवं उधमसिंह नगर जिलों में हजारों लोग करीब 70 सालों से वन भूमि में रह रहे हैं. अब इन लोगों को जमीन का मालिकाना हक दे दिया जाना चाहिए. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में दमदार पैरवी की जानी चाहिए. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले पर रोक लगाई हुई है.

Bhupendra Yadav
हल्द्वानी समाचार
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Published : Dec 28, 2022, 6:58 AM IST

हल्द्वानी/दिल्ली: केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बिन्दुखत्ता, दमुवाढूंगा समेत नैनीताल जिले एवं उधमसिंह नगर जिले की वनभूमि पर कई दशकों से रह रहे सभी लोगों को मालिकाना हक देने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात की. इस दौरान अजय भट्ट ने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र के बिन्दुखत्ता, दमुवादूंगा, बग्गा-54, हंसपुर खत्ता, घुनीखाल खत्ता, ओरईखत्ता, जैलाखाल खत्ता, रिखाल खत्ता, पीलापानी खत्ता, आमडंडा खत्ता, रंजनागोट, गागापुरगोट, रिंगोड़ाखत्ता, रामपुर टोंगिया, बीड़ाखत्ता के लोगों को मालिकाना हक दिलाने की पैरवी की.

वन भूमि पर रह रहे लोगों की मांग उठाई: इसके साथ ही कॉर्बेट टाइगर के आसपास के पांच खत्ते, दो टोंगिया गांव, 12 मनगांव तथा सितारगंज में लोका, गोठा, वनखुइया, फिरोजपुर, बसगढ़, पिपली, अरविन्द नगर के ढाई नम्बर, सात नम्बर एवं झाडीं नम्बर 9 जैसे गांवों एवं तोको में रहने वाले लोगों को जो आजादी से भी पहले से बसे हुए हैं, मालिकाना हक देने की जोरदार वकालत की है. अजय भट्ट ने कहा कि सांसद बनते ही मैंने इन सभी गांवों एवं तोको को मालिकाना हक देने की बात संसद में उठाई थी. उसके बाद पूरे विषयों पर जांच भी हुई. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पूरे मामले पर रोक लगा दी गई.

Ajay Bhatt met Bhupendra Yadav
कृषि मंत्री भूपेंद्र यादव को मांग पत्र सौंपते रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट

वन भूमि पर रह रहे लोगों को हक देने की पैरवी की: अजय भट्ट ने मंत्री को अवगत कराया कि आज नहीं तो कल हमको यह भूमि जनहित को मद्देनजर रखते हुए, काबिज कब्जेदारों को देनी ही पड़ेगी. क्योंकि इन स्थानों पर कोई भी वनभूमि नहीं है. यहां पर लोग 70 साल से भी ज्यादा समय से रह रहे हैं. कुछ स्थानों पर तो पीढ़ी दर पीढ़ी लोग रहते आये हैं. लोगों ने अपने पक्के मकान, शौचालय बनाये हैं. बिजली एवं पानी के कनेक्शन हर एक के घर में सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये हैं.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि यहां पर इंटरमीडिएट कॉलेज एवं प्राइमरी विद्यालय, समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, चिकित्सालय एवं कई स्थानों पर सड़कें बनी हुई हैं. कोविड के समय सभी जगहों पर कोविड सेन्टर बनाकर इलाज किया गया. भट्ट ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से कहा, चाहे रिकॉर्ड में यह भूमि वनभूमि के रूप में दर्ज हो, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इन जगहों पर कोई वन नहीं हैं. लोग यहां पर कृषि कार्य कई सालों से करते आ रहें हैं तथा पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी: हाईकोर्ट के निर्देश पर 4,365 घरों पर चलेगा बुलडोजर, प्लान तैयार

वन एवं पर्यावरण मंत्री ने अजय भट्ट को दिया आश्वासन: भट्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्री को जोर देकर कहा कि जनहित को मद्देनजर रखते हुए बिन्दुखत्ता, दमुवाढूंगा समेत सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण करना नितान्त आवश्यक हो गया है. तभी वास्तविक स्थिति माननीय सर्वोच्च न्यायालय तक जायेगी. उन्होंने सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण कर वास्तविकता का पता लगाने का अनुरोध किया है. ताकि इन स्थानों पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक मिल सके. वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने पूरी तरह से सकारात्मक रुख अपनाते हुए भविष्य में अतिशीघ्र एक उच्च स्तरीय बैठक कराने का आश्वासन दिया है. ताकि वास्तविक स्थिति से माननीय सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया जा सके. अजय भट्ट ने यह भी बताया कि इस संबंध में वे उत्तराखंड सरकार को पूर्व में ही सर्वोच्च न्यायालय के मत से अवगत करा चुके हैं.

हल्द्वानी/दिल्ली: केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बिन्दुखत्ता, दमुवाढूंगा समेत नैनीताल जिले एवं उधमसिंह नगर जिले की वनभूमि पर कई दशकों से रह रहे सभी लोगों को मालिकाना हक देने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से मुलाकात की. इस दौरान अजय भट्ट ने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र के बिन्दुखत्ता, दमुवादूंगा, बग्गा-54, हंसपुर खत्ता, घुनीखाल खत्ता, ओरईखत्ता, जैलाखाल खत्ता, रिखाल खत्ता, पीलापानी खत्ता, आमडंडा खत्ता, रंजनागोट, गागापुरगोट, रिंगोड़ाखत्ता, रामपुर टोंगिया, बीड़ाखत्ता के लोगों को मालिकाना हक दिलाने की पैरवी की.

वन भूमि पर रह रहे लोगों की मांग उठाई: इसके साथ ही कॉर्बेट टाइगर के आसपास के पांच खत्ते, दो टोंगिया गांव, 12 मनगांव तथा सितारगंज में लोका, गोठा, वनखुइया, फिरोजपुर, बसगढ़, पिपली, अरविन्द नगर के ढाई नम्बर, सात नम्बर एवं झाडीं नम्बर 9 जैसे गांवों एवं तोको में रहने वाले लोगों को जो आजादी से भी पहले से बसे हुए हैं, मालिकाना हक देने की जोरदार वकालत की है. अजय भट्ट ने कहा कि सांसद बनते ही मैंने इन सभी गांवों एवं तोको को मालिकाना हक देने की बात संसद में उठाई थी. उसके बाद पूरे विषयों पर जांच भी हुई. लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पूरे मामले पर रोक लगा दी गई.

Ajay Bhatt met Bhupendra Yadav
कृषि मंत्री भूपेंद्र यादव को मांग पत्र सौंपते रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट

वन भूमि पर रह रहे लोगों को हक देने की पैरवी की: अजय भट्ट ने मंत्री को अवगत कराया कि आज नहीं तो कल हमको यह भूमि जनहित को मद्देनजर रखते हुए, काबिज कब्जेदारों को देनी ही पड़ेगी. क्योंकि इन स्थानों पर कोई भी वनभूमि नहीं है. यहां पर लोग 70 साल से भी ज्यादा समय से रह रहे हैं. कुछ स्थानों पर तो पीढ़ी दर पीढ़ी लोग रहते आये हैं. लोगों ने अपने पक्के मकान, शौचालय बनाये हैं. बिजली एवं पानी के कनेक्शन हर एक के घर में सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये हैं.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि यहां पर इंटरमीडिएट कॉलेज एवं प्राइमरी विद्यालय, समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र, चिकित्सालय एवं कई स्थानों पर सड़कें बनी हुई हैं. कोविड के समय सभी जगहों पर कोविड सेन्टर बनाकर इलाज किया गया. भट्ट ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव से कहा, चाहे रिकॉर्ड में यह भूमि वनभूमि के रूप में दर्ज हो, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इन जगहों पर कोई वन नहीं हैं. लोग यहां पर कृषि कार्य कई सालों से करते आ रहें हैं तथा पक्के मकान बनाकर रह रहे हैं.
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वन एवं पर्यावरण मंत्री ने अजय भट्ट को दिया आश्वासन: भट्ट ने वन एवं पर्यावरण मंत्री को जोर देकर कहा कि जनहित को मद्देनजर रखते हुए बिन्दुखत्ता, दमुवाढूंगा समेत सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण करना नितान्त आवश्यक हो गया है. तभी वास्तविक स्थिति माननीय सर्वोच्च न्यायालय तक जायेगी. उन्होंने सभी स्थानों का भौतिक निरीक्षण कर वास्तविकता का पता लगाने का अनुरोध किया है. ताकि इन स्थानों पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक मिल सके. वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने पूरी तरह से सकारात्मक रुख अपनाते हुए भविष्य में अतिशीघ्र एक उच्च स्तरीय बैठक कराने का आश्वासन दिया है. ताकि वास्तविक स्थिति से माननीय सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराया जा सके. अजय भट्ट ने यह भी बताया कि इस संबंध में वे उत्तराखंड सरकार को पूर्व में ही सर्वोच्च न्यायालय के मत से अवगत करा चुके हैं.

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