नैनीताल: देश में लगातार तेजी से घट रहे जलस्तर और सूख रहे जल स्रोतों पर सरकार ने चिंता जताई है. नैनीताल में आयोजित दो दिवसीय जल शक्ति कार्यशाला में पहुंचे जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में तेजी से घट रहे पानी और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब पानी के लिए बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.
कार्यशाला में देश के 22 राज्यों से आए करीब 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय अपर सचिव भारत लाल सहित कई प्रतिनिधि मौजूद रहे.
जल शक्ति कार्यशाला में मंत्री शेखावत ने कहा कि देश के पहाड़ी राज्यों में जल स्रोतों को संरक्षित करना काफी जरूरी है. तेजी से घट रहे पानी और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए कई जगहों कार्यक्रम चल रहे हैं, साथ ही मंथन भी चल रहा है.
पानी बचाने पर मंथन
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में देश के लगभग सभी राज्यों की टीमों ने हिस्सा लिया है. जिसमें भविष्य में पानी की दिक्कतों को खत्म करने और जल स्रोतों को पुनः जीवित करने पर मंथन किया जा रहा है.
कार्यशाला में पूरे देश से आए लोग अपने-अपने राज्यों में पानी को बचाने के लिए किए गए सफल परीक्षणों को एक दूसरे राज्यों के साथ साझा करेंगे. ताकि, दूसरे राज्य भी उन सफल परीक्षणों का अपने राज्य में परीक्षण कर जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जा सके.
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बता दें कि पूरे देश से आई टीमें नैनीताल समेत आसपास के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करेंगी. ये टीमें तेजी से घट रहे जल स्तर और सूख रहे जल स्रोतों पर अध्ययन कर रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को सौंपेगी. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय अपर सचिव भारत लाल, स्थानीय विधायक संजीव आर्य, एटीआई के निर्देशक और कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला, सचिव पेयजल अरविंद ह्यांकी और उप सचिव पेय जल रंजीता मौजूद रहे.