हल्द्वानीः पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद होने के बाद देशभर में चीन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है. साथ ही देशभर में विरोध-प्रदर्शन भी जारी है. चीन को सबक सिखाने के लिए लोग अब चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं. हल्द्वानी के व्यापारियों ने भी चीन के उत्पाद को न बेचने का संकल्प लिया है. साथ ही सरकार से चीन से आयात और निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की.
गौर हो कि बीते 15 जून को पूर्वी लद्दाख के LAC पर गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं. उधर, चीन के भी उसी अनुपात में सैनिकों के हताहत होने की सूचना है. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है. जबकि, इस नापाक हरकत को लेकर चीन के खिलाफ भारी आक्रोश भी देखने को मिल रहा है.
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हल्द्वानी के देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल से जुडे़ व्यापारियों का कहना है कि बाजारों में चीनी सामानों का बोलबाला है. जिस पर भारत सरकार को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए. साथ ही चीन के साथ आयात और निर्यात पर पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए. जिससे चीन को आर्थिक नुकसान पहुंचा कर उसे सबक सिखाया जा सके.
चीनी सामान के प्रतिबंध लग जाने की स्थिति में भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और यहां के उत्पादकों की बढ़ावा मिलेगा. वहीं, व्यापारियों ने मांग की है कि भारत में कम दामों में प्रोडक्ट उपलब्ध होंगे तो व्यापारी चीन से सामान नहीं मंगवाएंगे. ऐसे में चीन को सबक सिखाने के लिए यहां के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए.