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पर्यटन कारोबारियों ने कॉर्बेट प्रशासन से लगाई गुहार, बुकिंग एडवांस वापसी की मांग

उत्तराखंड में कोरोना के आंकड़ों में कमी आने के बाद 29 जून 2021 को कॉर्बेट पार्क को पुनः पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. मई माह में पर्यटकों ने कॉर्बेट के अलग-अलग जोनों में घूमने के लिए एडवांस बुकिंग कराई थी. जिसके बाद अब पर्यटन कारोबारियों ने कॉर्बेट प्रशासन से एडवांस बुकिंग का पैसा रिफंड करने का गुहार लगा रही है.

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Published : Sep 29, 2021, 9:03 AM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क को कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 3 मई 2021 से पर्यटन गतिविधियों के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके बाद मई माह में पर्यटकों ने कॉर्बेट के अलग-अलग जोनों में घूमने के लिए एडवांस बुकिंग कराई थी, जिसकी रकम 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा थी. जिसके बाद अब पर्यटन कारोबारियों ने इन पैसों को वापस किए जाने को लेकर कॉर्बेट प्रशासन से गुहार लगाई है.

बता दें कि, कोरोना के आंकड़ों में आई कमी के बाद पुनः 29 जून 2021 को कॉर्बेट पार्क को पुनः पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. वहीं पर्यटन कारोबारी संजय छिम्वाल का कहना है कि गत वर्ष भी कोविड की वजह से कॉर्बेट पार्क को बंद करना पड़ा था. उस वक्त कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने वादा किया था कि जो भी एडवांस बुकिंग थी उनका पैसा रिफंड कर दिया जाएगा और पिछले वर्ष वह वापस भी कर दिया गया था. इस वर्ष भी एकाएक कोविड कि जो सेकंड वेव जिसकी वजह से कॉर्बेट पार्क को 3 मई 2021 से बंद करना पड़ा था. इस समय भी कॉर्बेट पार्क में काफी एडवांस बुकिंग पर्यटकों द्वारा की गई थी. कॉर्बेट प्रशासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि यह एडवांस बुकिंग का पैसा रिफंड आ जाएगा.

कॉर्बेट प्रशासन से लगाई गुहार.

संजय छिम्वाल ने कहां कि उसमें अभी काफी समय हो गया है और काफी विलंब हो गया है और जो पर्यटक हैं हमने जिनकी एडवांस बुकिंग की थी. वह बार-बार उनके ऊपर यह दबाव डाल रहे हैं कि हमारा पैसा वापस करों. कॉर्बेट ने पैसा वापस किए जाने को लेकर अपनी वेबसाइट पर भी प्रचार किया था. उन्होंने कहा कि अभी हम वह पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उनके पास कॉर्बेट प्रशासन द्वारा पैसा वापस नहीं दिया गया है.

पढ़ें: एक्शन में उत्तराखंड STF, बीते सात महीनों में 200 वाटेंड क्रिमिनल्स को भेजा जेल

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि पर्यटकों की एडवांस बुकिंग का पैसा है वह एडवांस बुकिंग होने के बाद राजस्व कोष में जमा हो जाता है, तो उसके लिए अभी उस धनराशि को फाउंडेशन से उसको वापस किया जाना है. उसके लिए पत्राचार उच्च स्तर को किया गया है और वर्तमान में शासन में वित्त विभाग में विचाराधीन है. उन्होंने कहां वहां से जैसे ही क्लियर होता है उसके बाद भुगतना की कार्रवाई की जाएगी.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क को कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 3 मई 2021 से पर्यटन गतिविधियों के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके बाद मई माह में पर्यटकों ने कॉर्बेट के अलग-अलग जोनों में घूमने के लिए एडवांस बुकिंग कराई थी, जिसकी रकम 1 करोड़ 25 लाख से ज्यादा थी. जिसके बाद अब पर्यटन कारोबारियों ने इन पैसों को वापस किए जाने को लेकर कॉर्बेट प्रशासन से गुहार लगाई है.

बता दें कि, कोरोना के आंकड़ों में आई कमी के बाद पुनः 29 जून 2021 को कॉर्बेट पार्क को पुनः पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. वहीं पर्यटन कारोबारी संजय छिम्वाल का कहना है कि गत वर्ष भी कोविड की वजह से कॉर्बेट पार्क को बंद करना पड़ा था. उस वक्त कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने वादा किया था कि जो भी एडवांस बुकिंग थी उनका पैसा रिफंड कर दिया जाएगा और पिछले वर्ष वह वापस भी कर दिया गया था. इस वर्ष भी एकाएक कोविड कि जो सेकंड वेव जिसकी वजह से कॉर्बेट पार्क को 3 मई 2021 से बंद करना पड़ा था. इस समय भी कॉर्बेट पार्क में काफी एडवांस बुकिंग पर्यटकों द्वारा की गई थी. कॉर्बेट प्रशासन द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि यह एडवांस बुकिंग का पैसा रिफंड आ जाएगा.

कॉर्बेट प्रशासन से लगाई गुहार.

संजय छिम्वाल ने कहां कि उसमें अभी काफी समय हो गया है और काफी विलंब हो गया है और जो पर्यटक हैं हमने जिनकी एडवांस बुकिंग की थी. वह बार-बार उनके ऊपर यह दबाव डाल रहे हैं कि हमारा पैसा वापस करों. कॉर्बेट ने पैसा वापस किए जाने को लेकर अपनी वेबसाइट पर भी प्रचार किया था. उन्होंने कहा कि अभी हम वह पैसा वापस करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उनके पास कॉर्बेट प्रशासन द्वारा पैसा वापस नहीं दिया गया है.

पढ़ें: एक्शन में उत्तराखंड STF, बीते सात महीनों में 200 वाटेंड क्रिमिनल्स को भेजा जेल

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि पर्यटकों की एडवांस बुकिंग का पैसा है वह एडवांस बुकिंग होने के बाद राजस्व कोष में जमा हो जाता है, तो उसके लिए अभी उस धनराशि को फाउंडेशन से उसको वापस किया जाना है. उसके लिए पत्राचार उच्च स्तर को किया गया है और वर्तमान में शासन में वित्त विभाग में विचाराधीन है. उन्होंने कहां वहां से जैसे ही क्लियर होता है उसके बाद भुगतना की कार्रवाई की जाएगी.

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