रामनगर: विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो जोन के साथ ही अब ढेला जोन में भी टाइगर सफारी खोलने का कार्य अंतिम चरण में पहुंचा चुका है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च माह में ढेला जोन में टाइगर सफारी का कार्य शुरू हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो कॉर्बेट पार्क में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी.
बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. लेकिन कई बार बाघों के दीदार ना होने से पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ता है. ऐसे में अब जल्द ही कॉर्बेट पार्क के ढेला जोन में पर्यटक टाइगर सफारी का आनंद उठा सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग की ही तर्ज पर कवर्ड वाहनों में बाघों को पर्यटक नजदीक से देख सकते हैं और सेल्फी भी ले सकते हैं. इसके लिए वाहनों को विशेष प्रकार के जाल व ग्लास से कवर किया जाएगा.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि ढेला में रेस्क्यू सेंटर के पास में ही टाइगर सफारी को बनाया जाना है. साथ ही रेस्क्यू सेंटर को भी पर्यटकों के लिए खोले जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. अगले माह से इस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. जो भी सहमति बनेगी विभाग व शासन उसके अनुसार आगे की कार्रवाई करेंगे.
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बता दें कि अगर टाइगर सफारी को रेस्क्यू सेंटर के पास में ही बनाया जाता है तो लगभग 30 से 50 हेक्टेयर भूमि में यह टाइगर सफारी बनेगी. वहीं, अगर टाइगर सफारी को ढेला जोन में बनाया जाता है तो लगभग 100 हेक्टेयर भूमि में पर्यटक टाइगर सफारी का आनंद उठा सकेंगे. अब देखने वाली बात होगी कब इसका कार्य शुरू हो पाता है. वहीं वन्यजीव प्रेमी संजय छिम्वाल का कहना है कि जो पर्यटक बाघ के दीदार किए बिना मायूस होकर कॉर्बेट से चले जाते थे, अब उन लोगों के लिए ये खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि अगर ढेला जोन में टाइगर सफारी का कार्य होता है तो यह एक सराहनीय पहल है.