हल्द्वानी: प्रदेश भर में अनलॉक- 2 के नियमों के तहत सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू हो गया है. लेकिन हल्द्वानी तहसील में तहसीलदार नहीं होने के चलते प्रमाण पत्र सहित अन्य काम नहीं हो रहे हैं. दरअसल, 30 जुलाई को रिटायर हुए तहसीलदार की जगह दूसरे की तैनाती नहीं की गई है. तहसीलदार के नहीं होने के चलते 600 से अधिक प्रमाण पत्र हस्ताक्षर के लिए लटके हुए हैं.
हल्द्वानी तहसील कुमाऊं की सबसे बड़ी तहसील मानी जाती है. आबादी के हिसाब से तहसील में रोजाना सैकड़ों लोग दूर-दराज से आकर अपने जरूरी दस्तावेजों को बनवाने पहुंचते हैं. लेकिन तहसीलदार के न होने के चलते फरियादी मायूस होकर घरों को लौट रहे हैं. पिछले 10 दिनों से तहसीलदार का पद खाली पड़ा हुआ है ऐसे में बताया जा रहा है कि आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जमीनों की दाखिल खारिज सहित 600 से अधिक आवेदन हस्ताक्षर के लिए पेंडिंग पड़े हुए हैं. लेकिन 10 दिनों बाद भी तहसील में तहसीलदार की नियुक्त नहीं की गई है.
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जिला प्रशासन ने पद खाली होने के बाद तहसील का चार्ज बाबू स्तर के कर्मचारी को सौंपा है. लेकिन प्रमाण पत्रों में हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं है. जिसके चलते सैकड़ों लोग बिना काम हुए वापस लौट रहे हैं. वही, नैनीताल जनपद के करीब चार अन्य तहसीलों का भी यही हाल है. जहां तहसीलदार नहीं होने के चलते वहां भी सैकड़ों प्रमाण पत्र बिना हस्ताक्षर के लटके हुए हैं.
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गौरतलब है कि 30 जून को हल्द्वानी के तहसीलदार पहलाद राम आर्य रिटायर्ड हो चुके हैं. रिटायर होने के बाद से अभी तक नए तहसीलदार की नियुक्ति नहीं की गई है. जिला अधिकारी सविन बंसल का कहना है कि हल्द्वानी तहसील सहित कई अन्य तहसीलों में तहसीलदार नहीं हैं. तहसीलदार की नियुक्ति के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. तहसीलदार की नियुक्ति जल्द होने की उम्मीद है. तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तौर अन्य अधिकारियों से काम लिया जा रहा है.