रामनगर: बीएसएफ के जवान की ड्यूटी के दौरान साथी जवान ने गोली मारकर हत्या के मामले में एक साल बाद भी परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है. परिजन न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. परिजनों को कोरे आश्वासनों के अलावा आजतक कुछ नहीं मिला है. मृतक जवान की पत्नी गीता गोस्वामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
बता दें, रामनगर कोतवाली क्षेत्र के छोई गांव के रहने वाले बीएसएफ के जवान दीवान नाथ गोस्वामी की मेघालय में 28 जुलाई 2018 को ड्यूटी के दौरान हत्या कर दी गई थी. दीवान नाथ बीएसएफ में वाहन चालक था. दीवान ने पैर में दर्द की वजह से उसने स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया था. उसका आवेदन भी स्वीकार हो गया था, लेकिन उससे पहले उनकी हत्या कर दी गई.
अधिकारियों ने नहीं बताई हत्या की वजह
जवान की हत्या की वजह क्या थी. इस पर बीएसएफ अधिकारियों ने परिजनों को कुछ नहीं बताया गया. परिजनों को सिर्फ इतना बताया गया कि साथी जवान राकेश कुमार की रायफल से चली गोली से दीवान नाथ गोस्वामी की मौत हुई है. जब दीवान नाथ का शव रामनगर पहुंचा तब डीएम, एसएसपी और विधायक ने परिजनों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था. लेकिन वे सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं.
अधिकारियों सभी वादे खोखले
मृतक जवान की पत्नी गीता गोस्वामी के ऊपर अपनी दो छोटी बेटियों के साथ ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी है. पति की मौत के बाद पत्नी चुनौंतियां बढ़ गई हैं. गीता गोस्वामी बीए, बीएड और एमए के साथ ही टीईटी प्रथम और द्वितीय भी उत्तीर्ण है. इसके अलावा अध्यापन का अनुभव भी है. अधिकारियों ने उनको सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अधिकारियों दिया आश्वासन आज तक पूरा नहीं हो सका है.
पति की हत्या के बाद परिजनों को न न्याय ही मिला और न ही योग्यता आधार पर सरकारी नौकरी. जवानों और उसके परिजनों का सबसे बड़ा हमदर्द होने का दावा करने वाली मौजूदा सरकार से पीड़ित परिवार को कोई मदद नहीं मिल पाई है. जवान के परिवार इस उपेक्षा से सरकार से नाराज हैं. अपने पिता और दो छोटी बेटियों के साथ गीता गोस्वामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. जिसमें उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.