नैनीताल: कोरोना संक्रमण ने प्रदेश के आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया है. इसने सबसे ज्यादा नैनीताल के पर्यटन कारोबार को नुकसान पहुंचाया है. नैनीताल में पर्यटकों की आमद ना होने के चलते यहां का टैक्सी कारोबार लगभग थम सा गया है. टैक्सी कारोबारियों का कहना है कि उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. बैंक की किश्त समेत गाड़ियों का टैक्स देने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं.
राज्य सरकार से कर रहे हैं टैक्स में छूट की मांग
टैक्सी कारोबारी राज्य सरकार से गाड़ियों का टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं, ताकि इस संकट की घड़ी में उन्हें कुछ राहत मिल सकें और उनके परिवारों का भरण-पोषण हो सकें. नैनीताल में करीब 1 हजार से अधिक टैक्सी कारोबारी हैं, जिनके परिवार का भरण-पोषण केवल पर्यटन पर निर्भर करता है. टैक्सी कारोबारियों के साथ-साथ टूरिस्ट गाइड भी इस संक्रमण काल में पूरी तरह से प्रभावित हैं.
पढ़ें: उत्तराखंड के इन जिलों में लगा 10 मई तक कर्फ्यू
टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष ने रखी मांग
नैनीताल टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जोशी के द्वारा टैक्सी कारोबारियों को राहत देने के लिए राज्य सरकार समेत पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर राहत देने की मांग की गई है. नीरज जोशी का कहना है कि बीते साल भी संक्रमण के चलते टैक्सी कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया था. इस बार भी संक्रमण का असर उनके कारोबार पर पड़ा है, लिहाजा राज्य सरकार टैक्सी संचालकों को 50,000 रुपये और ड्राइवरों को 20,000 रुपये की आर्थिक मदद की मांग की है. उन्होंने दो वर्षों के टैक्स माफ करने की भी मांग की.