हल्द्वानी: केंद्र सरकार द्वारा पोषित एफएमडी पीसी योजना के तहत पशुओं में खुरपका मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए 6 महीने बाद लगने वाले टीके से पहले इस बार गाय और भैंसों के कान में टैग नंबर लगाया जा रहा है. जिसके बाद ही पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है. टैग और टीका लगने के बाद पशु चिकित्सा विभाग द्वारा रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाएगी. जिससे पशुओं की सभी सूचना सरकार के पास उपलब्ध हो सकेगी.
टैग के माध्यम से प्रदेश में पहली बार टीकाकरण का काम चल रहा है. ऐसे में प्रदेश के करीब 27 लाख पशुओं का टीकाकरण का काम चल रहा है जो सरकार द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है. कुमाऊं मंडल पशुपालन विभाग के अपर निदेशक भुवन कर्नाटक ने बताया कि ये कार्यक्रम भारत सरकार की ओर से चलाया जा रहा है.
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इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के पशुओं को नि:शुल्क टीकाकरण किया जाना है. जिससे कि पशुओं में खुरपका और मुंहपका बीमारी न फैले. इस योजना के तहत गाय और भैंसों को नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है. साथ ही टीकाकरण से पहले जानवरों के कान में यूनिटेक लगाया जा रहा है. जिसमें 12 डिजिट का नंबर फिट है. भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से पशु चिकित्सक इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि शत प्रतिशत गाय-भैंसों को टीकाकरण किया जाना है. जिसके तहत आवारा जानवर भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यूनिटेक के माध्यम से 12 डिजिट के नंबर में उस जानवर की पूरी जानकारी फिट की गई है. जिसके तहत पशुपालक का नाम, पशु की प्रजाति, जानवर दुधारू है या गर्भ धारण किया हुआ है ये सभी जानकारियां शामिल हैं.
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उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 27 लाख 20 हजार गाय और भैंसें हैं. जिनकी उम्र 3 माह से ऊपर है. सभी का टीकाकरण का काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि कुमाऊं मंडल में 12 लाख दस हजार गाय-भैंस हैं. जबकि, गढ़वाल मंडल में 15 लाख दस हजार गाय-भैंसों का टीकाकरण किया जाना है. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 60 से 70% जानवरों का टीकाकरण हो चुका है. कोविड-19 में राहत मिलने के बाद से टीकाकरण अभियान को तेज किया गया है. सभी रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को भेजी जा रही है.