हल्द्वानी: पहाड़ के फल औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं. उत्तराखंड में इस समय पहाड़ी फलों का मौसम है. मौसम की मार के बावजूद पहाड़ी फल आड़ू, खुमानी और पुलम की देश की कई बड़ी मंडियों से खूब डिमांड आ रही है. हल्द्वानी मंडी से इन पहाड़ी फलों को भारी मात्रा में दूसरे राज्यों में भेजा रहा है. ऐसे में पहाड़ के बागवानी काश्तकारों के साथ-साथ पहाड़ी फल का कारोबार करने वाले व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस बार पहाड़ों पर भरपूर मात्रा में आड़ू, खुमानी और पुलम का उत्पादन हुआ है.
पहाड़ी फलों की बढ़ी मांग: कारोबारी नितिन पाठक का कहना है कि पहाड़ी फल आड़ू, खुमानी के अलावा पुलम की डिमांड उत्तराखंड ही नहीं बल्कि गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे बड़ी फल मंडियों से खूब आ रही है. इस बार पहाड़ के आड़ू, खुमानी फल की क्वालिटी अन्य वर्षों की तुलना में बेहतर हुई है. जिसके चलते हल्द्वानी मंडी से रोजाना करीब 200 टन पहाड़ी फलों की दूसरी मंडियों में डिमांड है. व्यापारियों की मानें तो आड़ू, पुलम और खुमानी के दाम होल सेल में 35 रुपए से लेकर 50 रुपए प्रति किलो हैं. जिसके चलते पहाड़ के किसानों को भी इस बार अच्छे दाम मिल रहे हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर माने जाते हैं पहाड़ी फल: हल्द्वानी मंडी के फल कारोबारी जीवन सिंह कार्की ने बताया कि नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉक में आडू, खुमानी, पुलम आदि का बहुतायत से उत्पादन होता है. प्रदेश में उत्पादित होने वाले आडू में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल नैनीताल जिले की है. जहां करीब आठ हजार काश्तकार फलों के उत्पादन से जुड़े हुए हैं. जानकारों की मानें तो पहाड़ के फल स्वाद के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरपूर हैं जिससे लोग इन्हें बड़े चाव से खाते हैं. इन फलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर होते हैं.
क्या कह रहे अधिकारी: जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह के मुताबिक नैनीताल जिले के करीब 3000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आडू, खुमानी, पुलम का उत्पादन हुआ है. जहां करीब 25,000 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन हुआ है. इसका सीधा लाभ फल उत्पादकों की आय पर पड़ेगा.