हल्द्वानी: 6 सूत्रीय मांगों को लेकर नदियों से खनन निकासी कारोबारी पिछले 2 महीने से अलग-अलग तरीके से धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे थे. इसके बाद आखिरकार जिला प्रशासन और खनन करबारियों के बीच कई दौर की बैठक के बाद शुक्रवार को खनन कारोबारी ने हड़ताल वापस ले ली है.
गौला नदी खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी ने बताया खनन निकासी के रॉयल्टी के निजी हाथों में देने, निकासी गेटों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगवाने, स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा उनको उचित मूल्य दिए जाने व वाहनों में जीपीएस की अनिवार्यता खत्म करने सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर खनन कारोबारी करीब 2 महीने से अधिक समय से धरना प्रदर्शन के माध्यम से आंदोलन कर रहे थे. अधिकारियों और खनन कारोबारी के बीच कई दौर की की गई. उसमें समझौता नहीं हुआ. अब आखिरकार परिवहन विभाग, प्रशासन और स्टोन क्रशरों के बीच बैठक हुई. जहां सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. जिसके बाद उनके मांगों पर प्रशासन ने विचार करते हुए मान लिया है. इसके बाद खनन करबारियों की बैठक हुई. जहां सर्व सहमति से हड़ताल को वापस ले लिया गया है.
गौरतलाब है की खनन कारोबारी की हड़ताल के चलते कुमाऊं की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गौला नदी के साथ-साथ अन्य नदियों से खनन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया था. जिसके चलते लोगों के सामने रोजी-रोटी के संकट के साथ-साथ सरकार को भी राजस्व को नुकसान हो रहा था. हड़ताल खत्म होने से जहां खनन कारोबार से जुड़े लाखों लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी तो वहीं सरकार को भी करोड़ों का राज्यों की प्राप्ति होगी.