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सोबन सिंह जीना अस्पताल की सफाई व्यवस्था ठप, हड़ताल पर गए स्वच्छता के सिपाही

मानदेय बढ़ाने और स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर सोबन सिंह जीना सरकारी अस्पताल के सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गए. जिस वजह से अस्पताल की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.

हड़ताल पर गए सफाईकर्मी
हड़ताल पर गए सफाईकर्मी
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Published : Feb 11, 2021, 4:04 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सोबन सिंह जीना सरकारी अस्पताल में तैनात सफाई कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए हैं. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनका मानदेय न्यूनतम ₹10,000 और स्थायी नियुक्ति की जाए. अस्पताल प्रशासन सफाई कर्मचारियों को काम पर वापस आने की गुहार लगा रहा है, लेकिन सफाई कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल की सफाई व्यवस्था में करीब 30 सफाई कर्मी तैनात हैं, जो पिछले 15 सालों से काम कर रहे हैं. लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 5,200 रुपए दिए जा रहे हैं. यहां तक कि कोरोना काल में भी सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की. अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार द्वारा उनको मानदेय बढ़ाने और कोविड-19 में किए गए काम का मानदेय देने की बात की गई थी, लेकिन लगातार काम करा कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है.

ये भी पढ़ें: धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ने से रुका रेस्क्यू ऑपरेशन, पेंग गांव के प्रधान ने बताई वजह

सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनका मानदेय न्यूनतम ₹10,000 रुपए और स्थायी नियुक्ति की जाए. सफाई कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका कार्य बहिष्कार और धरना जारी रहेगा.

हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सोबन सिंह जीना सरकारी अस्पताल में तैनात सफाई कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए हैं. सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनका मानदेय न्यूनतम ₹10,000 और स्थायी नियुक्ति की जाए. अस्पताल प्रशासन सफाई कर्मचारियों को काम पर वापस आने की गुहार लगा रहा है, लेकिन सफाई कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल की सफाई व्यवस्था में करीब 30 सफाई कर्मी तैनात हैं, जो पिछले 15 सालों से काम कर रहे हैं. लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 5,200 रुपए दिए जा रहे हैं. यहां तक कि कोरोना काल में भी सफाई कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा की. अस्पताल प्रशासन और ठेकेदार द्वारा उनको मानदेय बढ़ाने और कोविड-19 में किए गए काम का मानदेय देने की बात की गई थी, लेकिन लगातार काम करा कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है.

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सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनका मानदेय न्यूनतम ₹10,000 रुपए और स्थायी नियुक्ति की जाए. सफाई कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका कार्य बहिष्कार और धरना जारी रहेगा.

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