रामनगरः तराई पश्चिमी वन प्रभाग में भी बाघों का कुनबा बढ़ा है. साल 2018 की गणना में यहां 7 बाघ ज्यादा पाए गए हैं. ऐसे में खनन के लिए पहचाने जाने वाले तराई पश्चिमी वन प्रभाग वाले को बाघों के लिए भी जाना जाएगा.
खनन के लिए जाने जाने वाले तराई पश्चिमी वन प्रभाग अब बाघों के लिए भी जाना जाएगा. वन प्रभाग तराई पश्चिमी के प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि साल 2016 की गणना में तराई पश्चिमी में कुल 32 बाघ देखे गए थे, वहीं, दो दिन पहले 2018 की गणना के नतीजों में तराई पश्चिमी में 39 बाघ देखे गए हैं. पिछले गणना के आधार पर यहां 7 बाघ ज्यादा पाए गए हैं.
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ऐसे में वन विभाग तराई पश्चिमी के सामने बाघों को बचाने और मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने की चुनौती है. वहीं, हिमांशु बागड़ी की मानें तो बाघों की सुरक्षा के लिए लंबी दूरी की गश्त भी की जा रही है. ऐसे में वन विभाग के लिए इंसान के साथ इनके टकराव को रोकने के साथ ही इन्हें बचाए रखना भी बड़ी चुनौती होगी.