देहरादून/काशीपुर/हल्द्वानी/रामनगरः रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के आह्वान पर आज पूरे प्रदेशभर में रोडवेज कर्मचारी अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर रहे. इस दौरान विभिन्न डिपो में रोडवेज कर्मचारियों ने नारेबाजी कर जमकर धरना-प्रदर्शन किया. वहीं, आगामी 27 अक्टूबर तक मांगे पूरी न होने पर कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी. उधर, रोड़वेज कर्मियों को वेतन नहीं मिलने के मामले पर कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
रोडवेज कर्मियों के हड़ताल पर प्रीतम सिंह ने त्रिवेंद्र सरकार पर साधा निशाना
वेतन भुगतान समेत अनेक मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आज से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी है. रोडवेज कर्मी अपने 5 महीने के बकाया वेतन भुगतान को लेकर देहरादून समेत प्रदेश भर के सभी डिपो में धरना दे रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने रोडवेज कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारी और उसका परिवार सरकारी वेतन पर निर्भर रहता है, लेकिन सरकार इनका पांच-पांच महीने का वेतन नहीं दे पा रही है. इससे पता चलता है कि बीजेपी शासन काल में प्रदेश की क्या स्थिति हो रखी है. सरकार अपने सरकारी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है, वो सरकार इस राज्य को आखिर किस दिशा की ओर ले जा रही है?
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दीपावली से पहले 2 महीने का वेतन और बोनस की मांग
काशीपुर में भी रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले रोडवेज कर्मचारी एकदिवसीय हड़ताल पर रहे. इस दौरान आंदोलित कर्मचारियों ने कहा कि मुख्य मांग दीपावली से पहले 2 महीने का वेतन और बोनस है. इसके अलावा अन्य मांगों में मृतक आश्रितों की भर्ती किए जाने, सेवानिवृत कर्मियों को देयकों का भुगतान करने, एसीपी की अनावश्यक कटौती बंद करने, प्रोत्साहन योजना शुरू करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने संबंधी विभिन्न मांगें शामिल हैं.
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मई महीने के बाद नहीं मिला वेतन, झेलनी पड़ रही परेशानीः रोडवेज कर्मी
हल्द्वानी में रोडवेज कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों का कहना है कि उनके मुख्य मांगे वेतन संबंधी है. मई महीने के बाद से अब तक उन्हें वेतन नहीं मिला है. लिहाजा, परिवहन निगम के सभी कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल पर हैं. अगर सरकार ने जल्द वेतन नहीं दिया तो आगामी 28 अक्टूबर से सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
कर्मचारियों का कहना है इस कोरोना संक्रमण के दौर में आर्थिक रूप से हर कोई परेशान है. चार महीनों से वेतन नहीं मिले हैं. ऐसे में उन्हें वेतन न मिलने से उनके पारिवारिक और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा, सभी कर्मचारियों ने सरकार से वेतन देने की गुहार लगाई है.
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वेतन नहीं मिलने से गहराया रोजी-रोटी का संकट
कुमाऊं के प्रवेश द्वार रामनगर में रोडवेज कर्मचारियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बीते 5 महीने से वेतन नहीं मिला है. कोरोना महामारी में उन्होंने हर समय अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी से निभाई है, लेकिन उसके बाद भी सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है. कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.
उत्तराखंड परिवहन निगम के 7 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
एक ओर उत्तराखंड परिवहन निगम के 7 हजार से ज्यादा कर्मचारी बीते 5 महीनों से वेतन न मिलने के चलते परेशान हैं. वहीं, दूसरी ओर सितंबर 2019 में सेवानिवृत्त हुए निगम के कई कर्मचारी ऐसे भी हैं. जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद से लेकर अब तक ग्रेच्युटी के पैसे तक का भुगतान नहीं किया गया है. ऐसे में आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने एक दिवसीय दिवसीय धरना दिया. इस दौरान कर्मचारियों ने निगम प्रबंधन और सरकार से जल्द से जल्द 5 महीने के वेतन का भुगतान करने की मांग की.
वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की चरमराई आर्थिक स्थिति
उत्तराखंड रोडवेज के कर्मचारियों को बीते 5 महीनों से वेतन नहीं मिल पा रहा है. लगातार कर्मचारी वेतन दिए जाने की मांग को लेकर अलग-अलग स्थानों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों के घर की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द वेतन दिया जाए.
वेतन नहीं मिलने से परेशान तीन रोडवेज कर्मी कर चुके हैं आत्महत्या
बीते कई महीने से वेतन न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारियों ने पिथौरागढ़ में राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मियों का कहना है कि 5 महीने पूरे होने को है, लेकिन उन्हें अभी तक वेतन नहीं मिला है. जिसके चलते उनका परिवार दो जून की रोटी के लिए भी मोहताज हो गया है. रोडवेज कर्मचारी संघ के क्षेत्रीय सदस्य मोहन सिंह भंडारी ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से रोडवेज में कार्यरत तीन कर्मचारी अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुके हैं. जबकि, कई कमर्चारी परिवार मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी जायज मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है.