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रोडवेज कर्मियों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, सरकार को वेतन के लिए 12 करोड़ जारी करने के आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट से रोडवेज कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन के लिए राज्य सरकार को 12 करोड़ अवमुक्त करने के दिए आदेश.

हाई कोर्ट
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Published : Sep 26, 2019, 3:21 PM IST

नैनीतालः राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और लंबे समय से वेतन न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के लिए 12 करोड़ रुपए अवमुक्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र द्वारा जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

रोडवेज कर्मचारियों के मामले में परिवहन सचिव शैलेश बगौली व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. जहां उन्होंने कोर्ट में कहा कि तत्काल परिवहन निगम 12 करोड़ रुपए उनके वेतनमान व अन्य सुविधाओं के लिए जारी करेगा.

वहीं कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अगर कर्मचारियों को वेतन दिए जाने में लापरवाही होगी तो संबंधित विभागीय अधिकारियों का वेतन रोकने पर भी कोर्ट विचार कर सकता है. आपको बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है.

सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया गया. वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.

नैनीताल हाई कोर्ट से रोडवेज कर्मचारियों को राहत.

कर्मचारी यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार पर निगम का 45 करोड़ रुपया बकाया है वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ देना है, जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः मां कुंजापुरी मेले में बिखरेगी पहाड़ी संस्कृति की छठा, कई बड़े कलाकर करेंगे शिरकत

उन्होंने याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीतालः राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और लंबे समय से वेतन न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के लिए 12 करोड़ रुपए अवमुक्त करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र द्वारा जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

रोडवेज कर्मचारियों के मामले में परिवहन सचिव शैलेश बगौली व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. जहां उन्होंने कोर्ट में कहा कि तत्काल परिवहन निगम 12 करोड़ रुपए उनके वेतनमान व अन्य सुविधाओं के लिए जारी करेगा.

वहीं कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अगर कर्मचारियों को वेतन दिए जाने में लापरवाही होगी तो संबंधित विभागीय अधिकारियों का वेतन रोकने पर भी कोर्ट विचार कर सकता है. आपको बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है.

सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया गया. वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.

नैनीताल हाई कोर्ट से रोडवेज कर्मचारियों को राहत.

कर्मचारी यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार पर निगम का 45 करोड़ रुपया बकाया है वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ देना है, जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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उन्होंने याचिका में कहा कि उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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नैनीताल हाईकोर्ट से रोडवेज कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन के लिए राज्य सरकार को 12 करोड अवमुक्त करने के दिए आदेश।

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राज्य सरकार के द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और लंबे समय से वेतन न देने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को रोडवेज कर्मचारियों की वेतन के लिए 12 करोड़ रुपए अवमुक्त करने के आदेश दिए हैं साथ ही कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को प्रति शपथ पत्र द्वारा जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
रोडवेज कर्मचारियों के मामले में आज प्रदेश के परिवहन सचिव शैलेश बगौली व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कोर्ट के आदेश पर कहा कि तत्काल परिवहन निगम को 12 करोड रुपए उनके वेतनमान व अन्य सुविधाओं के लिए जारी कर दिए जाएंगे।
वहीं कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि अगर कर्मचारियों की वेतन दिए जाने पर लापरवाही होगी तो संबंधित विभागीय अधिकारियों की वेतन रोकने पर भी कोर्ट विचार कर सकता है।




Body:आपको बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम ना तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, ना ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया है वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।


Conclusion:कर्मचारी यूनियन का सरकार वह निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार निगम को 45 करोड़ रुपया बकाया देना है वही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को ₹700 देना है जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,,
और उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए ना तो राज्य सरकार कोई प्रयास कर रही है,,,
और उत्तराखण्ड सरकार भी उनका का पैसा नही दे रही है जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है ना ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था कर पा रहा है जबकि पूर्व में कोर्ट ने बसों में सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए थे।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने दोनों राज्यों की सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाइट- एमसी पंत अधिवक्ता याचिकाकर्ता
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