हल्द्वानी: दीपावली का त्यौहार नजदीक है और बाजार सज चुके हैं. लोग माता लक्ष्मी की पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. दीपावली पर्व पर माता लक्ष्मी के प्रसाद के रूप में बताशे और खिल-खिलौने चढ़ाए जाने का महत्व है. हल्द्वानी के वनभूलपुरा के रियायत हुसैन उर्फ लल्ला मियां के परिवार को भी दीपावली का इंतजार रहता है, जिसमें उनकी भागीदारी रहती है.
लल्ला मियां का परिवार पिछले नौ दशक से अधिक समय से दीपावली पर माता लक्ष्मी के चढ़ाए जाने वाला खील-बताशे और खिलौने को तैयार करता है. जहां लल्ला मियां का बताशे और खिलौने हल्द्वानी ही नहीं बल्कि पूरे कुमाऊं में मशहूर हैं. लल्ला मियां इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे और नाती इस कारोबार को संभाल रहे हैं. लल्ला मियां का परिवार पिछले चार पीढ़ियों से खील बताशे और खिलौने बनाने का काम करते आ रहा है.
वनभूलपुरा के इनायत हुसैन अपने पिता लल्ला मियां की परंपरा को आगे बढ़ते हुए इस कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं. साथ ही इस व्यवसाय से परिवारों की आजीविका चला रहे हैं. इनायत हुसैन ने बताया कि उनके दादा ने साल 1930 में वनभूलपुरा में खिल बताशे और खिलौने बनाने का कारखाना खोला.
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इस कारोबार को उनके पिता लल्ला मियां ने आगे बढ़ाया. पिता के निधन हो जाने के बाद से बेटे इस कारोबार को संभाल रहे. इनायत हुसैन मुताबिक उनको दीपावली त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है, क्योंकि इस त्योहार से कई मुस्लिम परिवार भी जुड़े हुए हैं, जिससे उनकी रोजी-रोटी भी चलती है. सौभाग्य की बात है कि मुस्लिम परिवार द्वारा बनाए गए प्रसाद को माता लक्ष्मी को चढ़ाया जाता है, जिसमें हिंदू मुस्लिम भाईचारा भी देखने को मिलता है.
लल्ला मियां का परिवार खील बताशे और खिलौने बनाने में पिछले एक महीने से अधिक समय से जुटा हुआ है. उनके द्वारा तैयार किए गए खिल बताशे और खिलौने हल्द्वानी के साथ-साथ कई जगहों पर खूब डिमांड होती है.