हल्द्वानी: प्रदेश में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई है. धान खरीद के साथ ही जहां आरएफसी ने खरीद में पारदर्शिता का दावा करते हुए पिछले सालों की तुलना में 15 दिन के भीतर अधिक खरीद होने की बात की है. वहीं, शुरुआती दिनों में धान खरीद में ही गड़बड़ी का मामला सामने आ गया है. जिसके बाद किसानों की हक की लड़ाई लड़ने याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने धान खरीद पर सवाल खड़े किए हैं.
आरएफसी हरवीर सिंह का कहना है कि इस बार धान खरीद के लिए कुमाऊं मंडल में 11 लाख 63 हजार मीट्रिक टन धान का खरीद का लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल 15 दिनों के भीतर में जहां 3600 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. तो वहीं इस साल 15 दिनों के भीतर में 3900 मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद की गई है. साथ ही धान खरीद में पूरी तरह से पारदर्शिता करने की दावा भी किया है. उन्होंने कहा कि धान खरीद में गड़बड़ी के लिए फ्लाइंग स्कॉट की टीम के अलावा एसडीएम को भी इस काम के लिए लगाया गया है. किसी भी तरह का कोई भी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार का मामला सामने आएगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. लेकिन धान खरीद में आरएफसी का पारदर्शिता का दावा पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है.
उधम सिंह नगर के हल्दी में धान खरीद की गड़बड़ी सामने आई है. जहां कागजों में एक क्रय केंद्र पर 410 कुंटल धान की खरीद दिखाई गई है. लेकिन उस तारीख पर धान की खरीद नहीं की गई है. ऐसे में अब धान खरीद के ऊपर सवाल खड़े शुरू हो गए हैं.
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याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने धान खरीद के ऊपर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि रुद्रपुर में एक धान क्रय केंद्र से 410 कुंटल धान खरीद कागजों में दिखाया गया है. लेकिन हकीकत में धान नहीं खरीदा गया है. ऐसे में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार होने का मामला सामने आ रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी खरीद के मामले में गड़बड़ी को लेकर डीएम उधम सिंह नगर को एफिडेविट दिया था. जहां इस आईटी सहित अन्य जांच की मांग की थी. लेकिन आज तक जांच नहीं हो पाई. ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि धान खरीद में पूरी तरह से गड़बड़ी हो रही है. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती है लेकिन धान खरीद में अभी से गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं.