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लॉकडाउन में लीची के नहीं मिल रहे खरीदार, व्यवसायियों की बढ़ी परेशानियां - ramnagar Businessmen upset

रामनगर की लीची देश-विदेश में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. इसलिए यहां की लीची को खरीदने बाहर से बड़ी संख्या में खरीददार पहुंचते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते लीची के खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं.

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लीची व्यवसायियों को नुकसान
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Published : May 31, 2020, 12:23 PM IST

नैनीताल: रामनगर की लीची देश-विदेश में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट मानी जाती है. यहां की लीची बड़ी मात्रा में विदेशों में भी सप्लाई होती है, लेकिन इन दिनों लीची के खरीदार न मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े ठेकेदार काफी परेशान हैं.

लीची व्यवसायियों को नुकसान

रामनगर की लीची देश-विदेश में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. इसलिए यहां की लीची को खरीदने बाहर से बड़ी संख्या में खरीदार पहुंचते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. वही, पहले से ही लीची का बगीचा ठेके पर लेने वाले ठेकेदार परेशान हैं. समय पर लीची में दवा न पड़ने से पैदावार पर भी इसका असर पड़ा है. अब जो लीची बची है, उनको तोड़ने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से ठेकेदारों को भारी नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़े: आज ये हैं देहरादून में राशन, फल ​​और सब्जियों के दाम

लीची ठेकेदार अनवर मलिक का कहना है कि लीची तोड़ने के लिए जो लेबर यूपी से आते थे वो लॉकडाउन की वजह से नहीं आ पा रहे हैं. जिसका इसका असर व्यवसाय पर पड़ रहा है.

अनवर मलिक बताते है कि उन्होंने ठेके पर बगीचा लिया है. अब बगीचे का मालिक लगातार पैसे देने को लेकर दबाव बना रहा है. ऐसे में उनके आगे समस्या खड़ी हो गई है. उनका कहना है कि जब लीची के खरीदार ही बाहर से नहीं आएंगे तो वे लीची किसको बेचेंगे. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग की है.

नैनीताल: रामनगर की लीची देश-विदेश में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट मानी जाती है. यहां की लीची बड़ी मात्रा में विदेशों में भी सप्लाई होती है, लेकिन इन दिनों लीची के खरीदार न मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े ठेकेदार काफी परेशान हैं.

लीची व्यवसायियों को नुकसान

रामनगर की लीची देश-विदेश में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है. इसलिए यहां की लीची को खरीदने बाहर से बड़ी संख्या में खरीदार पहुंचते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से खरीदार नहीं पहुंच रहे हैं. वही, पहले से ही लीची का बगीचा ठेके पर लेने वाले ठेकेदार परेशान हैं. समय पर लीची में दवा न पड़ने से पैदावार पर भी इसका असर पड़ा है. अब जो लीची बची है, उनको तोड़ने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से ठेकेदारों को भारी नुकसान हो रहा है.

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लीची ठेकेदार अनवर मलिक का कहना है कि लीची तोड़ने के लिए जो लेबर यूपी से आते थे वो लॉकडाउन की वजह से नहीं आ पा रहे हैं. जिसका इसका असर व्यवसाय पर पड़ रहा है.

अनवर मलिक बताते है कि उन्होंने ठेके पर बगीचा लिया है. अब बगीचे का मालिक लगातार पैसे देने को लेकर दबाव बना रहा है. ऐसे में उनके आगे समस्या खड़ी हो गई है. उनका कहना है कि जब लीची के खरीदार ही बाहर से नहीं आएंगे तो वे लीची किसको बेचेंगे. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग की है.

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