नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक सम्पति अर्जित करने के आरोपी पूर्व अपर सचिव समाज कल्याण विभाग के राम विलास यादव की शार्ट टर्म जमानत प्राथर्ना पत्र पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने उन्हें उपचार के लिए 20 दिन की शार्टटर्म जमानत दी है. कोर्ट ने उन्हें बिना अनुमति के देश से बाहर न जाने के लिए कहा है.
शार्ट टर्म जमानत प्राथर्ना पत्र में कहा गया है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उन्हें उपचार के लिए गंगाराम व एम्स दिल्ली जाना है. जिसके लिए उन्हें एक माह की शार्ट टर्म जमानत दी जाये. सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा एक माह का समय अधिक है. उन्हें 15 दिन का समय दिया जाये. जिस पर कोर्ट ने उन्हें 20 दिन की शार्ट टर्म जमानत दे दी.
पूर्व आईएएस अधिकारी राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत थे. इससे पहले वे उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं. उनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति ने आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी. जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की. विजिलेंस टीम ने राम विलास यादव के लखनऊ, देहरादून व गाजीपुर ठिकानों पर छापेमारी की. जिसमें सम्पति से सम्बन्धी कई दस्तावेज मिले. जांच करने पर इनके खिलाफ आय से 500 गुना अधिक सम्पति मिली. इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.