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कोरोना इफेक्ट: संपत्तियों की खरीद में 25% की गिरावट, राजस्व को भारी नुकसान

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Published : Aug 24, 2020, 11:34 AM IST

उत्तराखंड में कोरोना काल में संपत्तियों की खरीद में 25 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है. ऐसे में सरकार को रजिस्ट्री से मिलने वाला राजस्व काफी कम हुआ है. नैनीताल जिलाधिकारी ने राजस्व की भरपाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को जमीन, मकान की रजिस्ट्री के लिए मिलने वाले आवेदन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.

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मकान जमीन की खरीद

हल्द्वानी: कोरोना काल में कई गतिविधियों में छूट मिलने के बाद सरकारी कार्यालय भी खुल चुके हैं, लेकिन कोरोना का असर जमीन, मकान और संपत्तियों की खरीद पर भी जबरदस्त तरीके से दिखाई दे रहा है. रजिस्ट्री से सरकार को मिलने वाले राजस्व को खासा नुकसान पहुंचा है. संपत्तियों की खरीद में करीब 20% से 25% की गिरावट देखी गई है. 2019-20 में जहां नैनीताल जनपद में 21,010 जमीनों की रजिस्ट्री हुई, तो इस साल अभी तक सिर्फ 3,221 ही रजिस्ट्री हो पाई हैं.

संपत्तियों की खरीद में 25% की गिरावट.

रजिस्ट्रार उप निबंधक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2019-20 में नैनीताल जनपद में कुल 21,010 जमीनों की रजिस्ट्री हुई. इससे प्रदेश सरकार को 89 करोड़ 49 लाख 43 हजार की राजस्व की प्राप्ति हुई. इस साल 5 महीनों में 3,221 जमीनों की रजिस्ट्री ही हो पाईं हैं. सरकार को 20 करोड़ 19 लाख ₹17 हजार का ही राजस्व मिला है.

साल 2019 में मई माह से जुलाई माह तक 5,816 जमीनों की रजिस्ट्री हुईं, जिसमें सरकार को 24 करोड़ 68 लाख 40,000 रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई थी. बताया जा रहा है कि वैश्विक महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. लोगों के पास आय के संसाधन खत्म हो चुके हैं. बाजारों में मंदी है, जिसके चलते जमीनों की खरीद-फरोख्त में काफी कमी हुई है.

पढ़ें- अब निजी अस्पताल भी कर सकेंगे कोरोना मरीजों का इलाज, सरकार ने दी अनुमति

जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि कोरोना काल के चलते जमीनों की खरीद-फरोख्त में गिरावट देखी गई है. साथ ही राजस्व की भी भारी कमी हुई है. ऐसे में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जमीन, मकान की रजिस्ट्री के लिए मिलने वाले आवेदन में तेजी लाई जाए, जिससे कि कोरोना संकट के दौरान हुई राजस्व में कमी की भरपाई की जा सके.

हल्द्वानी: कोरोना काल में कई गतिविधियों में छूट मिलने के बाद सरकारी कार्यालय भी खुल चुके हैं, लेकिन कोरोना का असर जमीन, मकान और संपत्तियों की खरीद पर भी जबरदस्त तरीके से दिखाई दे रहा है. रजिस्ट्री से सरकार को मिलने वाले राजस्व को खासा नुकसान पहुंचा है. संपत्तियों की खरीद में करीब 20% से 25% की गिरावट देखी गई है. 2019-20 में जहां नैनीताल जनपद में 21,010 जमीनों की रजिस्ट्री हुई, तो इस साल अभी तक सिर्फ 3,221 ही रजिस्ट्री हो पाई हैं.

संपत्तियों की खरीद में 25% की गिरावट.

रजिस्ट्रार उप निबंधक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2019-20 में नैनीताल जनपद में कुल 21,010 जमीनों की रजिस्ट्री हुई. इससे प्रदेश सरकार को 89 करोड़ 49 लाख 43 हजार की राजस्व की प्राप्ति हुई. इस साल 5 महीनों में 3,221 जमीनों की रजिस्ट्री ही हो पाईं हैं. सरकार को 20 करोड़ 19 लाख ₹17 हजार का ही राजस्व मिला है.

साल 2019 में मई माह से जुलाई माह तक 5,816 जमीनों की रजिस्ट्री हुईं, जिसमें सरकार को 24 करोड़ 68 लाख 40,000 रुपए की राजस्व की प्राप्ति हुई थी. बताया जा रहा है कि वैश्विक महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है. लोगों के पास आय के संसाधन खत्म हो चुके हैं. बाजारों में मंदी है, जिसके चलते जमीनों की खरीद-फरोख्त में काफी कमी हुई है.

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जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि कोरोना काल के चलते जमीनों की खरीद-फरोख्त में गिरावट देखी गई है. साथ ही राजस्व की भी भारी कमी हुई है. ऐसे में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जमीन, मकान की रजिस्ट्री के लिए मिलने वाले आवेदन में तेजी लाई जाए, जिससे कि कोरोना संकट के दौरान हुई राजस्व में कमी की भरपाई की जा सके.

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