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हल्द्वानी: आशा वर्कर्स ने सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, प्रदर्शन कर जताया विरोध - आशा वर्कस प्रदर्शन

हल्द्वानी में आशा वर्कर्स ने प्रदेश सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि कोरोना काल में लगातार सेवाएं देने के बावजूद सरकार उन्हें काम से निकाल रही है.

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आशा वर्कस ने सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप
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Published : Jul 6, 2020, 1:59 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 2:07 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कस यूनियन के बैनर तले आशा वर्कर्स ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सरकार उन्हें गलत तरीके से काम से निकाल रही है. साथ ही उन्होंने चंपावत में निकाले गए 268 आशाओं को दोबारा नियुक्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

आशा वर्कस ने सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

पढ़ें- रामनगर: सार्वजनिक रास्ते की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने दिया धरना

आशाओं ने महिला अस्पताल में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि आशा वर्कर्स इस महामारी में लगातार घर-घर जाकर लोगों की सेवा में लगी हुई हैं. बावजूद इसके सरकार आशाओं को प्रोत्साहन करने के बजाय उनको निकालने का काम कर रही है. आशाओं ने कहा कि सुविधा के नाम पर आशा कार्यकत्रियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है. यहां तक की मास्क और गलब्स भी वह अपने पैसे से खरीद कर इस्तेमाल कर रही हैं.

वहीं, आशा वर्कर्स ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि चंपावत में निकाली गई 268 आशाओं की जल्द बहाली नहीं हुई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी. साथ ही कोरोना महामारी के बीच सुविधा दिए जाने की मांग भी की.

हल्द्वानी: उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कस यूनियन के बैनर तले आशा वर्कर्स ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सरकार उन्हें गलत तरीके से काम से निकाल रही है. साथ ही उन्होंने चंपावत में निकाले गए 268 आशाओं को दोबारा नियुक्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि अगर उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी.

आशा वर्कस ने सरकार पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

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आशाओं ने महिला अस्पताल में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि आशा वर्कर्स इस महामारी में लगातार घर-घर जाकर लोगों की सेवा में लगी हुई हैं. बावजूद इसके सरकार आशाओं को प्रोत्साहन करने के बजाय उनको निकालने का काम कर रही है. आशाओं ने कहा कि सुविधा के नाम पर आशा कार्यकत्रियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है. यहां तक की मास्क और गलब्स भी वह अपने पैसे से खरीद कर इस्तेमाल कर रही हैं.

वहीं, आशा वर्कर्स ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि चंपावत में निकाली गई 268 आशाओं की जल्द बहाली नहीं हुई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगी. साथ ही कोरोना महामारी के बीच सुविधा दिए जाने की मांग भी की.

Last Updated : Jul 6, 2020, 2:07 PM IST
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