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हल्द्वानी: सलाखों के पीछे दिखा कैदियों का हुनर, बना रहे बेहतरीन फर्नीचर

जेल में बंद करीब एक दर्जन हुनरमंद कैदी फर्नीचर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर तरह-तरह के फर्नीचर बनाने का काम कर रहे हैं. जिसमें जेल प्रशासन उनका पूरा सहयोग दे रहा है.

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सलाखों के पीछे कैदी दिखा रहे अपना हुनर
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Published : Aug 10, 2021, 9:29 AM IST

हल्द्वानी: उप कारागार के बंदी जेल प्रशासन के सहयोग से जेल के अंदर कई तरह के हुनर सीख अच्छा आचरण ग्रहण कर रहे हैं. इसी के तहत जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों को फर्नीचर उद्योग से जोड़ने का काम किया है. जिसके तहत करीब एक दर्जन कैदी फर्नीचर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर फर्नीचर बनाने का काम शुरू कर दिया है, जिससे कैदी छूटने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें.

हल्द्वानी जेल प्रशासन कैदियों के पुनर्वास योजना के तहत फर्नीचर उद्योग की शुरूआत की है. जिसका मकसद बंदियों के सजा काटकर बाहर निकलने के बाद उन्हें पुनर्स्थापित करना है. जेल में बंद करीब एक दर्जन हुनरमंद कैदी फर्नीचर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर तरह-तरह के फर्नीचर बनाने का काम कर रहे हैं. जिसमें जेल प्रशासन उनका पूरा सहयोग दे रहा है. जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा ने बताया कि कैदियों को फर्नीचर के सभी मेट्रियल जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले चरण में कैदियों द्वारा बनाए गए सभी तरह के फर्नीचर समान को जेल के कामों मे लिया जा रहा है.

सलाखों के पीछे कैदी दिखा रहे अपना हुनर.

पढ़ें-उत्तराखंड कैंपा की समीक्षा बैठक, वन मंत्री ने अधिकारियों को दिये निर्देश

इसके अलावा बाहर से लोगों के भी फर्नीचर के ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं. यही नहीं कैदियों द्वारा तैयार किए गए फर्नीचर के समान को अब बाजारों में भी उतारे जाने की तैयारी चल रही है. जिसके तहत फर्नीचर के दुकानदारों से अनुबंध किया जाएगी. जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा का कहना है कि कैदियों को फर्नीचर उद्योग से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे जेल से रिहा होने के बाद कैदी फर्नीचर उद्योग के माध्यम से अपना कारोबार शुरू कर सकें. उन्होंने बताया कि कई कैदी पेंटिंग का कार्य भी सीख रहे हैं. उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल के मुताबिक स्किल हुनरमंद से जुड़े हुए कैदियों को ₹67 रोजाना मजदूरी दी जाती है.

हल्द्वानी: उप कारागार के बंदी जेल प्रशासन के सहयोग से जेल के अंदर कई तरह के हुनर सीख अच्छा आचरण ग्रहण कर रहे हैं. इसी के तहत जेल प्रशासन ने जेल में बंद कैदियों को फर्नीचर उद्योग से जोड़ने का काम किया है. जिसके तहत करीब एक दर्जन कैदी फर्नीचर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर फर्नीचर बनाने का काम शुरू कर दिया है, जिससे कैदी छूटने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें.

हल्द्वानी जेल प्रशासन कैदियों के पुनर्वास योजना के तहत फर्नीचर उद्योग की शुरूआत की है. जिसका मकसद बंदियों के सजा काटकर बाहर निकलने के बाद उन्हें पुनर्स्थापित करना है. जेल में बंद करीब एक दर्जन हुनरमंद कैदी फर्नीचर उद्योग का प्रशिक्षण लेकर तरह-तरह के फर्नीचर बनाने का काम कर रहे हैं. जिसमें जेल प्रशासन उनका पूरा सहयोग दे रहा है. जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा ने बताया कि कैदियों को फर्नीचर के सभी मेट्रियल जेल प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है. पहले चरण में कैदियों द्वारा बनाए गए सभी तरह के फर्नीचर समान को जेल के कामों मे लिया जा रहा है.

सलाखों के पीछे कैदी दिखा रहे अपना हुनर.

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इसके अलावा बाहर से लोगों के भी फर्नीचर के ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं. यही नहीं कैदियों द्वारा तैयार किए गए फर्नीचर के समान को अब बाजारों में भी उतारे जाने की तैयारी चल रही है. जिसके तहत फर्नीचर के दुकानदारों से अनुबंध किया जाएगी. जेल अधीक्षक सतीश सुखीजा का कहना है कि कैदियों को फर्नीचर उद्योग से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे जेल से रिहा होने के बाद कैदी फर्नीचर उद्योग के माध्यम से अपना कारोबार शुरू कर सकें. उन्होंने बताया कि कई कैदी पेंटिंग का कार्य भी सीख रहे हैं. उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल के मुताबिक स्किल हुनरमंद से जुड़े हुए कैदियों को ₹67 रोजाना मजदूरी दी जाती है.

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