हल्द्वानी: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. उत्तराखंड में उपचुनाव होगा या नहीं, यह फैसला तो चुनाव आयोग को लेना है. लेकिन मुख्यमंत्री की सीट पर उपचुनाव के बहाने ही सही कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. वहीं, सियासी बयानबाजी का दौर लगातार जारी है.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि राज्य के सियासी संकट के लिए बीजेपी स्वयं ही जिम्मेदार है, क्योंकि अगर मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने की इच्छा होती तो सल्ट विधानसभा उपचुनाव में सीट खाली थी. मुख्यमंत्री रहते तीरथ सिंह रावत उस सीट से चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका मतलब बीजेपी चाहती ही नहीं है कि राज्य में उपचुनाव हो.
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बीजेपी के प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस में दम है तो वह चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती ही नहीं कि उपचुनाव हो, क्योंकि सल्ट विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस को जिस तरीके से हार मिली है उससे कांग्रेस डर गई है. लिहाजा, मुख्यमंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए सितंबर तक का समय है और चुनाव होगा या नहीं, यह कांग्रेस नहीं बल्कि चुनाव आयोग तय करेगा.