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घर से बरामद की बेशकीमती खैर की लकड़ी, आरोपी फरार - Haldwani News

पकड़े गए खैर की कीमत करीब दो लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है. खैर की लकड़ी की तस्करी उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में की जाती है. वहीं कानपुर के कई फैक्ट्रियों में कत्था बनाने के लिए खैर की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है.

Haldwani News
से बरामद की बेशकीमती खैर की लकड़ी
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Published : Nov 24, 2020, 9:56 AM IST

हल्द्वानी: तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर,तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर और बन्नाखेड़ा पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से भीकमपुर गांव में एक घर में छापा मारा गया. जहां से भारी मात्रा में बेशकीमती खैर की लकड़ी बरामद की गई हैं. वहीं विभाग की संयुक्त छापेमारी से लकड़ी तस्करों में खलबली मची हुई है.

बताया जा रहा है कि भीकमपुरी निवासी गुरुमुख सिंह उर्फ बिट्टू के घर पर वन विभाग और पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारा गया.जहां से भारी मात्रा में बेशकीमती खैर की लकड़ी बरामद की गई हैं. वहीं छापेमारी की सूचना मिलते ही आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहा.वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि कुल 74 नग खैर की लकड़ी बरामद हुई है.

Haldwani News
पकड़ी गई खैर की बेशकीमती लकड़ी.

पढ़ें-कैसे गिर गया ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बन रहा पुल? गंभीर नहीं जिम्मेदार !

पकड़े गए खैर की कीमत करीब दो लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है. खैर की लकड़ी की तस्करी उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में की जाती है. वहीं कानपुर के कई फैक्ट्रियों में कत्था बनाने के लिए खैर की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में तस्कर खैर की लकड़ी की तस्करी कर वन संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

हल्द्वानी: तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर,तराई केंद्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर और बन्नाखेड़ा पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से भीकमपुर गांव में एक घर में छापा मारा गया. जहां से भारी मात्रा में बेशकीमती खैर की लकड़ी बरामद की गई हैं. वहीं विभाग की संयुक्त छापेमारी से लकड़ी तस्करों में खलबली मची हुई है.

बताया जा रहा है कि भीकमपुरी निवासी गुरुमुख सिंह उर्फ बिट्टू के घर पर वन विभाग और पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारा गया.जहां से भारी मात्रा में बेशकीमती खैर की लकड़ी बरामद की गई हैं. वहीं छापेमारी की सूचना मिलते ही आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहा.वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि कुल 74 नग खैर की लकड़ी बरामद हुई है.

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पकड़ी गई खैर की बेशकीमती लकड़ी.

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पकड़े गए खैर की कीमत करीब दो लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है. खैर की लकड़ी की तस्करी उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में की जाती है. वहीं कानपुर के कई फैक्ट्रियों में कत्था बनाने के लिए खैर की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में तस्कर खैर की लकड़ी की तस्करी कर वन संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

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