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26 हजार प्लास्टिक बोतलों से दंपत्ति ने पहाड़ पर बनाया आशियाना, खूबसूरती देख चौंक जाएंगे आप - प्लास्टिक का घर

नैनीताल के दूरस्थ गांव हरसोला में एक दंपति ने अनूठा प्रयास किया है. उन्होंने पानी और कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों को इकट्ठा कर होमस्टे (घर) बनाया है, जिससे पर्यावरण को साफ किया जाएगा.

प्लास्टिक बोतलों से बनाया आशियाना
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Published : Nov 4, 2019, 3:03 PM IST

नैनीताल: प्रकृति के प्रति प्रेम एक दंपत्ति पर ऐसा चढ़ा कि शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी छोड़कर वे नैनीताल की खूबसूरत वादियों में बस गये. लेकिन इन हसीं वादियों पर फैला कूड़ा उन्हें परेशान कर रहा था. जिसके बाद उस दंपत्ति ने 26 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बेकार बोतलों को जमा कर अपने रहने के लिए एक शानदार आशियाने का निर्माण कर दिया.

घर बनाने वाले सतेंद्र बताते हैं कि उनको और उनके परिवार के लोगों को घूमने का काफी शौक है. जिसके चलते वे घूमते हुए एक बार नैनीताल के पास बसे हरतोला नामक स्थान पर पहुंचे. जहां उन्होंने देखा कि आसपास के क्षेत्र में हजारों की संख्या में पानी और कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक बोतलें पर्यावरण को दूषित कर रही हैं, लेकिन लोग इसे हटाने की बजाय लापरवाह नजर आ रहे हैं.

पहाड़ों की सुंदरता को नष्ट होता देख सतेंद्र ने यहां से प्लास्टिक को साफ करने का प्रण लेते हुए प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया. जिसके बाद उन्होंने नैनीताल, रामगढ़, भवाली, मुक्तेश्वर, नथवाखान समेत आसपास के स्थानों पर जाकर प्लास्टिक की बोतलों को एकत्र करना शुरू कर दिया.

26 हजार प्लास्टिक बोतलों से बनाया आशियाना

पढ़ें- उत्तराखंड: इंडिया के 'जेम्स बांड' को मानद उपाधि देगा गढ़वाल विश्वविद्यालय

ऐसा करते हुए उनके पास करीब 26 हजार से अधिक प्लास्टिक की बोतलें जमा हो गई. जिससे उन्होंने प्लास्टिक हाउस का निर्माण किया. सतेंद्र के परिवार ने इस प्लास्टिक हाउस को बनाने के लिए केवल प्लास्टिक की बोतलें, जाली और पीओपी का प्रयोग ही किया है.

सतेंद्र और उनके परिवार को प्लास्टिक हाउस बनाने का आइडिया उनके रिश्तेदारों से मिला, जो आफ्रीका में रहते हैं. उन्होंने सतेंद्र को बताया कि अफ्रीका समेत यूरोपीय देशों में गरीब लोगों के लिए प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन को एकत्र कर घर बनाए जाते हैं.

इसी बात से प्रेरणा लेकर सतेंद्र और उनके परिवार ने प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया और उसे बना कर ही दम लिया. वहीं सत्येंद्र के बेटे बताते हैं कि इस मुहिम को आगे भी दूसरे स्थानों तक पहुंचाया जाएगा. जिससे अधिक से अधिक प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग कर वातावरण को साफ रखने में सहयोग किया जा सके.

बता दें शराब की बोतलों को भी जमा कर प्लास्टिक हाउस में उपयोग किया गया है. शराब की बोतलों से बिजली के लैंप और कई प्रकार के सजावटी उपकरण बनाए गए हैं, जिनकी खूबसूरती देखने लायक है.

नैनीताल: प्रकृति के प्रति प्रेम एक दंपत्ति पर ऐसा चढ़ा कि शहर की भाग-दौड़ भरी जिंदगी छोड़कर वे नैनीताल की खूबसूरत वादियों में बस गये. लेकिन इन हसीं वादियों पर फैला कूड़ा उन्हें परेशान कर रहा था. जिसके बाद उस दंपत्ति ने 26 हजार से ज्यादा प्लास्टिक की बेकार बोतलों को जमा कर अपने रहने के लिए एक शानदार आशियाने का निर्माण कर दिया.

घर बनाने वाले सतेंद्र बताते हैं कि उनको और उनके परिवार के लोगों को घूमने का काफी शौक है. जिसके चलते वे घूमते हुए एक बार नैनीताल के पास बसे हरतोला नामक स्थान पर पहुंचे. जहां उन्होंने देखा कि आसपास के क्षेत्र में हजारों की संख्या में पानी और कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक बोतलें पर्यावरण को दूषित कर रही हैं, लेकिन लोग इसे हटाने की बजाय लापरवाह नजर आ रहे हैं.

पहाड़ों की सुंदरता को नष्ट होता देख सतेंद्र ने यहां से प्लास्टिक को साफ करने का प्रण लेते हुए प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया. जिसके बाद उन्होंने नैनीताल, रामगढ़, भवाली, मुक्तेश्वर, नथवाखान समेत आसपास के स्थानों पर जाकर प्लास्टिक की बोतलों को एकत्र करना शुरू कर दिया.

26 हजार प्लास्टिक बोतलों से बनाया आशियाना

पढ़ें- उत्तराखंड: इंडिया के 'जेम्स बांड' को मानद उपाधि देगा गढ़वाल विश्वविद्यालय

ऐसा करते हुए उनके पास करीब 26 हजार से अधिक प्लास्टिक की बोतलें जमा हो गई. जिससे उन्होंने प्लास्टिक हाउस का निर्माण किया. सतेंद्र के परिवार ने इस प्लास्टिक हाउस को बनाने के लिए केवल प्लास्टिक की बोतलें, जाली और पीओपी का प्रयोग ही किया है.

सतेंद्र और उनके परिवार को प्लास्टिक हाउस बनाने का आइडिया उनके रिश्तेदारों से मिला, जो आफ्रीका में रहते हैं. उन्होंने सतेंद्र को बताया कि अफ्रीका समेत यूरोपीय देशों में गरीब लोगों के लिए प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन को एकत्र कर घर बनाए जाते हैं.

इसी बात से प्रेरणा लेकर सतेंद्र और उनके परिवार ने प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया और उसे बना कर ही दम लिया. वहीं सत्येंद्र के बेटे बताते हैं कि इस मुहिम को आगे भी दूसरे स्थानों तक पहुंचाया जाएगा. जिससे अधिक से अधिक प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग कर वातावरण को साफ रखने में सहयोग किया जा सके.

बता दें शराब की बोतलों को भी जमा कर प्लास्टिक हाउस में उपयोग किया गया है. शराब की बोतलों से बिजली के लैंप और कई प्रकार के सजावटी उपकरण बनाए गए हैं, जिनकी खूबसूरती देखने लायक है.

Intro:Summry

नैनीताल की दूरी तक गांव हरतोला में एक दंपत्ति ने बना डाला 26 हजार प्लास्टिक की बोतलों से घर।

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यूं तो प्लास्टिक आज पूरे देश और दुनिया के सामने एक खतरनाक समस्या बनकर उभर रहा है लेकिन इसी समस्या से निपटने के लिए नैनीताल के दूरस्थ गांव हरसोला में एक दंपति ने इसका अनूठा प्रयाश करा है, वह है पानी और कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों को इकट्ठा कर होमस्टे ( घर) बनाने का।



Body:बनारस निवासी सतेंद्र बताते हैं कि उनको और उनके परिवार के लोगों को घूमने का काफी शौक था घूमते हुए एक बार वह नैनीताल के पास बसे हरतोल नामक स्थान पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि आसपास के क्षेत्र में पानी और कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतलों से प्रदूषण फैल रहा है और लोग इसको हटाने के लिए किसी प्रकार का उचित कदम नहीं उठा रहे और उन्होंने प्लास्टिक को साफ करने का प्रण लिया इसी को देखते हुए उनके द्वारा प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया गया और उन्होंने नैनीताल,रामगढ़,भवाली, मुक्तेश्वर नथवाखान समेत आसपास के स्थानों पर जाकर प्लास्टिक की बोतलों को एकत्र करना शुरू किया इस दौरान करीब 26हजार से अधिक प्लास्टिक की बोतल उनके पास एकत्र हुई जिससे उन्होंने प्लास्टिक हाउस का निर्माण किया।
सत्येंद्र के परिवार इस प्लास्टिक हाउस को बनाने के लिए केवल प्लास्टिक की बोतल, जाली और पीओपी का प्रयोग किया है।

बाईट- सतेंद्र कुमार


Conclusion:सत्येंद्र और उनके परिवार को प्लास्टिक हाउस बनाने का आइडिया उनके रिश्तेदारों ने बताया जो आफ्रिका में रहते हैं सतेंद्र के रिश्तेदार नैनीताल आए और उन्होंने उनको बताया कि अफ्रीका समेत यूरोपीय देशों में गरीब लोगों के लिए प्लास्टिक की बोतलें और पॉलिथीन को एकत्र करके घर बनाए जाते हैं, जिसके बाद उन्होंने भी प्लास्टिक हाउस बनाने का फैसला किया जो आज पूरा हो गया है वही सत्येंद्र के बेटे बताते हैं कि वो इस मुहिम को आगे भी दूसरे स्थानों तक पहुंचाएंगे ताकि अधिक से अधिक प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया जा सके और वातावरण को साफ रखा जा सके ।
इतना ही नहीं इस परिवार ने आसपास के गांवों और क्षेत्र से शराब की बोतलों को भी एकत्र कर उनको अपने इस प्लास्टिक हाउस में प्रयोग किया है शराब की बोतलों से बिजली के लैंप और विभिन्न प्रकार के सजावटी उपकरण बनाए हैं जो देखने में एकदम प्राकृतिक और सुंदर लग रहे हैं ।

बाईट- आवेश कुमार।
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