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हाई कोर्ट से HRD मिनिस्टर निशंक को लग सकता है झटका, नामाकंन मामले की होगी सुनवाई

हरिद्वार से बीजेपी सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का नामांकन रद्द करने का मामला एक बार फिर गरमा गया है. बीजेपी के बागी मनीष वर्मा ने हाई कोर्ट याचिका दायर की है. हाई कोर्ट में मामले की कल सुनवाई होनी है.

नामांकन करते निशंक (फाइल फोटो)
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Published : Jun 28, 2019, 2:21 PM IST

Updated : Jun 29, 2019, 7:36 AM IST

नैनीताल: बीजेपी के बागी मनीष वर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर HRD मिनिस्टर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को चुनौती दी है. मनीष वर्मा ने निशंक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने हाई कोर्ट में दायर कर कहा है कि नामांकन के दौरान निशंक ने चुनाव आयोग को गलत जानकारियां दी हैं. इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट से निशंक का नामांकन रद्द करने की भी मांग की है. अब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कल होनी है.

निशंक के नामांकन को हाई कोर्ट में चुनौती

मनीष का कहना है कि निशंक ने हरिद्वार से नामांकन भरा था. तभी उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के पास आपत्ति लगाई थी, लेकिन उनकी आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा था कि निशंक पर राज्य सरकार की 2 करोड़ 60 लाख रुपये की देनदारी है. जो निशंक ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री आवास व अन्य सुविधाओं के लिए भुगतान नहीं किया है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव: निर्वाचन आयोग ने बढ़ाई खर्च की सीमा, जमानत राशि को भी लेकर हुआ बड़ा फैसला

इसके साथ ही मनीष वर्मा ने कोर्ट से कहा है कि निशंक के डॉक्टरेट की डिग्री फर्जी है और उन्होंने निर्वाचन आयोग को डिग्रियों का कोई विवरण नहीं दिया है, जो गलत है. इसके साथ ही निशंक ने अपनी बेटी के 100 करोड़ रुपये के मेडिकल कॉलेज निर्माण का कोई विवरण नहीं दिया है.

याचिकाकर्ता मनीष वर्मा ने याचिका में स्टर्डिया घोटाला, तीस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट फर्जी कंपनियों को देने का जिक्र किया है. मनीष ने दायर याचिका में कहा है निशंक ने चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग के तमाम जानकारियां छिपाई हैं. लिहाजा, उनका नामंकन खारिज किया जाना चाहिए. अब मामले में हाई कोर्ट कल सुनवाई करेगा.

नैनीताल: बीजेपी के बागी मनीष वर्मा ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर HRD मिनिस्टर डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को चुनौती दी है. मनीष वर्मा ने निशंक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने हाई कोर्ट में दायर कर कहा है कि नामांकन के दौरान निशंक ने चुनाव आयोग को गलत जानकारियां दी हैं. इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट से निशंक का नामांकन रद्द करने की भी मांग की है. अब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कल होनी है.

निशंक के नामांकन को हाई कोर्ट में चुनौती

मनीष का कहना है कि निशंक ने हरिद्वार से नामांकन भरा था. तभी उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के पास आपत्ति लगाई थी, लेकिन उनकी आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा था कि निशंक पर राज्य सरकार की 2 करोड़ 60 लाख रुपये की देनदारी है. जो निशंक ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री आवास व अन्य सुविधाओं के लिए भुगतान नहीं किया है.

पढ़ें- पंचायत चुनाव: निर्वाचन आयोग ने बढ़ाई खर्च की सीमा, जमानत राशि को भी लेकर हुआ बड़ा फैसला

इसके साथ ही मनीष वर्मा ने कोर्ट से कहा है कि निशंक के डॉक्टरेट की डिग्री फर्जी है और उन्होंने निर्वाचन आयोग को डिग्रियों का कोई विवरण नहीं दिया है, जो गलत है. इसके साथ ही निशंक ने अपनी बेटी के 100 करोड़ रुपये के मेडिकल कॉलेज निर्माण का कोई विवरण नहीं दिया है.

याचिकाकर्ता मनीष वर्मा ने याचिका में स्टर्डिया घोटाला, तीस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट फर्जी कंपनियों को देने का जिक्र किया है. मनीष ने दायर याचिका में कहा है निशंक ने चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग के तमाम जानकारियां छिपाई हैं. लिहाजा, उनका नामंकन खारिज किया जाना चाहिए. अब मामले में हाई कोर्ट कल सुनवाई करेगा.

Intro:Summry हरिद्वार से भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को रद्द करने का मामला एक बार फिर नैनीताल कोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले में कल सुनवाई होगी।

Intro

भाजपा के बागी मनीष वर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को चुनौती दी है,, भाजपा के बागी मनीष का कहना है कि रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार से नामांकन भरा था तभी उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के पास आपत्ति लगाई थी, लेकिन उनकी आपत्ति पर कोई सुनवाई नही की गई,


Body:जिसमें उन्होंने कहा था कि निशंक पर राज्य सरकार की 2 करोड़ 60 लाख रुपए की देनदारी है,,, जो निशंख ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री आवास व अन्य सुविधाओं के नहीं दिया है,,, इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री निशंक की डॉक्टरेट की डिग्री फर्जी है और उन्होंने डिग्रियों का कोई विवरण नहीं दिया है जो गलत है,,,
साथ ही निशंक की बेटी के 100 करोड़ रुपए की मेडिकल कॉलेज निर्माण का कोई विवरण नहीं है जबकि निशंक का सांसद का प्रमाण पत्र भी प्रोविजनल है,,,


Conclusion:याचिकाकर्ता रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में स्त्रियां घोटाला अतीस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट फर्जी कंपनियों को देने के मामले कभी याचिका में जिक्र किया है साथ ही याचिकाकर्ता ने रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को रद्द करने की भी मांग की है याचिकाकर्ता का कहना है कि रमेश पोखरियाल निशंक ने चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग से तमाम जानकारियां छुपाई है लिहाजा उनका नामांकन खारिज किया जाना चाहिए अब मामले में सुनवाई होगी।

बाइट मनीष वर्मा, याचिकाकर्ता।
Last Updated : Jun 29, 2019, 7:36 AM IST
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