ETV Bharat / state

मनरेगा योजना: इस मंहगाई के दौर में मात्र 175 रुपया मजदूरी, योजना से मुंह मोड़ रहे लोग - मनरेगा योजना

मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए योजना से उनको विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस महंगाई के दौर में 175 पर मजदूरी बहुत कम है. साथ ही सरकार द्वारा 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.

मंहगाई के दौर में मात्र 175 रुपया मजदूरी
author img

By

Published : Mar 1, 2019, 4:44 PM IST

हल्द्वानी: भारत सरकार द्वारा चलाई गई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत 2005 में ग्राम विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार देने के लिए हुई थी. लेकिन अब इस योजना में मिलने वाले मेहनताना से नाराज होकर लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.

बात नैनीताल की करें तो जिले में 53170 मनरेगा कार्ड धारक हैं. जिसमें वित्तीय वर्ष में 21141 लोगों को रोजगार दिया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण ,लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी ,ग्रामीण संपर्क मार्ग का कार्य मनरेगा कार्ड धारकों से कराया जाता है.

मंहगाई के दौर में मात्र 175 रुपया मजदूरी

वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए योजना से उनको विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस महंगाई के दौर में 175 पर मजदूरी बहुत कम है. साथ ही सरकार द्वारा 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.

वहीं ग्राम पंचायतों से जुड़े ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजना बहुत ही बड़ी योजना है. लेकिन योजना में काम करने वाले मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है. ऐसे में मजदूर अब मनरेगा के काम में रुझान कम रख रहे हैं.

मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत अभी भी लोगों के आवेदन आ रहे हैं. जिले के हर ब्लाक के अंदर में मनरेगा का काम कराए जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, जिसको पूरा कर लिया गया है.

undefined

हल्द्वानी: भारत सरकार द्वारा चलाई गई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत 2005 में ग्राम विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार देने के लिए हुई थी. लेकिन अब इस योजना में मिलने वाले मेहनताना से नाराज होकर लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.

बात नैनीताल की करें तो जिले में 53170 मनरेगा कार्ड धारक हैं. जिसमें वित्तीय वर्ष में 21141 लोगों को रोजगार दिया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण ,लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी ,ग्रामीण संपर्क मार्ग का कार्य मनरेगा कार्ड धारकों से कराया जाता है.

मंहगाई के दौर में मात्र 175 रुपया मजदूरी

वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए योजना से उनको विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस महंगाई के दौर में 175 पर मजदूरी बहुत कम है. साथ ही सरकार द्वारा 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं.

वहीं ग्राम पंचायतों से जुड़े ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजना बहुत ही बड़ी योजना है. लेकिन योजना में काम करने वाले मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है. ऐसे में मजदूर अब मनरेगा के काम में रुझान कम रख रहे हैं.

मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के तहत अभी भी लोगों के आवेदन आ रहे हैं. जिले के हर ब्लाक के अंदर में मनरेगा का काम कराए जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था, जिसको पूरा कर लिया गया है.

undefined
Intro:सलग- मनरेगा के नाम पर लोगों को नहीं मिल रहा है रोजगार।
रिपोर्टर भावनाथ पंडित।
एंकर- भारत सरकार द्वारा चलाई गई प्रमुख योजनाओं में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत 2005 में ग्राम विकास और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार प्रदान करने और ग्रामीणों का पलायन रोकने के उद्देश्य से चलाई गई योजना में आज ग्रामीणों में अरूचि बढ़ रही है। उत्तराखंड में 2008 में लागू हुई इस योजना में नैनीताल जनपद के लोगों के हाथ निराशा ही लगा है। कारण मजदूरी का न्यूनतम मूल्य ₹175 प्रतिदिन और रोजगार पूरे 100 दिन नहीं मिलने के चलते लोग इस योजना में काम करने से कतरा रहे हैं।


Body:बात नैनीताल जनपद की करें तो जिले में 53170 मनरेगा कार्ड धारक है जिसमें वित्तीय वर्ष में 21141 लोगों को रोजगार दिया गया है।
बात अनुसूचित जाति के परिवारों को करें तो जिले में 12118 कार्डधारक हैं ।जिनमें 4134 लोगों को रोजगार मिल पाया है। जबकि जिले में 309 अनुसूचित जनजाति के परिवार के पास मनरेगा जॉब कार्ड है जिसमें 120 लोगों को ही रोजगार मिल पाया है। गौर करने वाली बात है कि 53170 कार्ड धारको में इस वर्ष मात्र 855 कार्ड धारकों को ही 100 दिन की रोजगार की गारंटी मिला है।
गौरतलब है कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण, वृक्षारोपण ,बाढ़ नियंत्रण ,लघु सिंचाई सहित आवास निर्माण, बागवानी ,ग्रामीण संपर्क मार्ग निर्माण के अंतर्गत मनरेगा कार्ड धारकों से काम कराया जाता है।

वहीं मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए योजना से उनको विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है ।क्योंकि इस महंगाई के दौर में 175 पर मजदूरी बहुत कम है साथ ही सरकार द्वारा 100 दिन की रोजगार की गारंटी भी नहीं दी जा रही है। जिसके चलते लोग इस योजना से मुंह मोड़ रहे हैं।
बाइट -प्रेम राम आर्य मनरेगा मजदूर

वही ग्राम पंचायतों से जुड़े ग्राम प्रधानों का कहना है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजना बहुत ही बड़ी योजना है ।लेकिन योजना में काम करने वाले मजदूरों को उचित मजदूरी नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में मजदूर अब मनरेगा के काम के प्रति रुझान कम रख रहे हैं । मजदूर अन्य जगह पर मजदूरी कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।

बाइट-बाला दत्त खोलिया ग्राम प्रधान


Conclusion:मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार का कहना है कि मनरेगा के अंतर्गत अभी भी लोगों के आवेदन आ रहे हैं।जिले के हर ब्लाक के अंदर में मनरेगा का काम कराए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था जिसको पूरा कर ले गया गया है और मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार दिया जा रहा है ।

बाइट- विनीत कुमार मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.