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हल्द्वानी में गौला नदी पर नहीं बने तटबंध और चेक डैम, लोगों को सता रही चिंता

हल्द्वानी में गौला नदी (Haldwani Gaula River) पर अभी तक तटबंध नहीं बनाए गए हैं. मॉनसून का सीजन जल्द आने वाला है. ऐसे में एक बार फिर नदी के किनारे लगे गांवों के लोगों को चिंता सताने लगी है. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि नदी में तटबंध बनाने सहित पिछले साल आई आपदा से हुए नुकसान के लिए 15 करोड़ के बजट की मांग की गई है. बजट मिलते ही तटबंध का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Haldwani
हल्द्वानी गौला नदी
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Published : Apr 25, 2022, 12:46 PM IST

Updated : Apr 25, 2022, 1:43 PM IST

हल्द्वानी: गौला नदी (Haldwani Gaula River) हर साल बरसात में तबाही मचाती है. पिछले मॉनसून सत्र में गौला नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर भारी तबाही मचाई थी. जिससे कई गांवों के किसानों के जमीन, मकान का भारी नुकसान पहुंचा था. यहां तक कि नदी के किनारे बनाए गए सुरक्षा तटबंध और चेक डैम (Haldwani Gaula River Embankment) को भी नदी अपने साथ बहाकर ले गई. तटबंध टूटे एक साल होने जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग और वन विभाग द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. मॉनसून सीजन जल्द आने वाला है. ऐसे में एक बार फिर नदी के किनारे लगे गांवों के लोगों को चिंता सताने लगी है.

गौला नदी हर साल खनन से सरकार को मोटा राजस्व देती है. पहाड़ों से आने वाले पानी से नदी हर साल मॉनसून सीजन में तबाही लेकर आती है. नदी से लगे बिन्दुखत्ता क्षेत्र के दर्जनों गांवों को हर साल नदी से भारी नुकसान उठाना पड़ता है. नदी किसानों की जमीनों के साथ-साथ उनके मकानों को भी अपने साथ बहाकर ले जाती है. इसके बावजूद सिंचाई विभाग, वन विभाग और सरकार नदी से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं. जिसका नतीजा है कि हर साल किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सिंचाई विभाग द्वारा नदी के किनारे सुरक्षा के नाम पर तटबंध बनाए तो जाते हैं, लेकिन गुणवत्ता खराब होने पर चलते तटबंध नदी के बहाव में बह जाते हैं.

पढ़ें- कुमाऊं मंडल की नदियों में खनन की रफ्तार हुई धीमी, निर्धारित लक्ष्य बना चुनौती

पिछले 2 सालों में नदी ने सुरक्षा तटबंध को भारी नुकसान पहुंचाया है. अधिकतर तटबंध बह चुके हैं. इस बार भी मॉनसून सीजन आने वाला है. चिंता की बात है कि अभी तक किसी तट बंध का निर्माण नहीं हुआ है. न ही कोई कार्रवाई हो पाई है. गौरतलब है कि गौला नदी से सरकार को खनन से हर साल करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन अभी तक तटबंध नहीं बनाए गए हैं, जिसके चलते ग्रामीण एक बार फिर से चिंतित हैं. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि नदी में तटबंध बनाने सहित पिछले साल आई आपदा से हुए नुकसान के लिए 15 करोड़ के बजट की मांग की गई है. बजट मिलते ही तटबंध का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

हल्द्वानी: गौला नदी (Haldwani Gaula River) हर साल बरसात में तबाही मचाती है. पिछले मॉनसून सत्र में गौला नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर भारी तबाही मचाई थी. जिससे कई गांवों के किसानों के जमीन, मकान का भारी नुकसान पहुंचा था. यहां तक कि नदी के किनारे बनाए गए सुरक्षा तटबंध और चेक डैम (Haldwani Gaula River Embankment) को भी नदी अपने साथ बहाकर ले गई. तटबंध टूटे एक साल होने जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन, सिंचाई विभाग और वन विभाग द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. मॉनसून सीजन जल्द आने वाला है. ऐसे में एक बार फिर नदी के किनारे लगे गांवों के लोगों को चिंता सताने लगी है.

गौला नदी हर साल खनन से सरकार को मोटा राजस्व देती है. पहाड़ों से आने वाले पानी से नदी हर साल मॉनसून सीजन में तबाही लेकर आती है. नदी से लगे बिन्दुखत्ता क्षेत्र के दर्जनों गांवों को हर साल नदी से भारी नुकसान उठाना पड़ता है. नदी किसानों की जमीनों के साथ-साथ उनके मकानों को भी अपने साथ बहाकर ले जाती है. इसके बावजूद सिंचाई विभाग, वन विभाग और सरकार नदी से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं. जिसका नतीजा है कि हर साल किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सिंचाई विभाग द्वारा नदी के किनारे सुरक्षा के नाम पर तटबंध बनाए तो जाते हैं, लेकिन गुणवत्ता खराब होने पर चलते तटबंध नदी के बहाव में बह जाते हैं.

पढ़ें- कुमाऊं मंडल की नदियों में खनन की रफ्तार हुई धीमी, निर्धारित लक्ष्य बना चुनौती

पिछले 2 सालों में नदी ने सुरक्षा तटबंध को भारी नुकसान पहुंचाया है. अधिकतर तटबंध बह चुके हैं. इस बार भी मॉनसून सीजन आने वाला है. चिंता की बात है कि अभी तक किसी तट बंध का निर्माण नहीं हुआ है. न ही कोई कार्रवाई हो पाई है. गौरतलब है कि गौला नदी से सरकार को खनन से हर साल करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन अभी तक तटबंध नहीं बनाए गए हैं, जिसके चलते ग्रामीण एक बार फिर से चिंतित हैं. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि नदी में तटबंध बनाने सहित पिछले साल आई आपदा से हुए नुकसान के लिए 15 करोड़ के बजट की मांग की गई है. बजट मिलते ही तटबंध का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Last Updated : Apr 25, 2022, 1:43 PM IST
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