नैनीतालः नैनी झील के निकासी गेट की संख्या में जल्द ही इजाफा होने जा रहा है. सिंचाई विभाग द्वारा झील से पानी की निकासी के लिए बनाए गए 2 गेटों की संख्या बढ़ाकर तीन की जाएगी. इसके लिए सिंचाई विभाग द्वारा करीब 30 लाख की लागत से गेट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है.
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान ने बताया कि बीते बारिश के दौरान नैनी झील से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों तक आ गया था. जिस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. इसको देखते हुए अब सिंचाई विभाग के द्वारा झील से पानी की निकासी के लिए बनाए गए दो गेटों की संख्या को बढ़ाकर तीन करने का फैसला किया गया है. इसके अतिरिक्त बस स्टैंड के समीप भूमिगत पांच अन्य ब्रिटिश कालीन गेटों के आकार में भी इजाफा करने का फैसला किया गया है.
केएस चौहान ने बताया कि अब तक पांच अन्य गेट जो बस अड्डे के ठीक नीचे स्थापित हैं, जिन से नैनी झील में पानी की निकासी होती है. उनका आकार साढ़े तीन फीट से बढ़ाकर साढ़े चार फीट करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है.
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फिर से चलेंगे सेंसर संचालित नैनी झील के गेटः सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस चौहान का कहना है कि विभाग द्वारा झील में लगे 78 लाख की लागत से ऑटोमेटिक स्काडा गेटों को पुनः दुरस्त कर दिया गया है. बरसात के दौरान जैसे ही झील का जल स्तर 12 फीट से ऊपर जाएगा. झील के गेट स्वयं संचालित हो जाएंगे. गेटों को बार-बार खोलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस बार पूर्व की भांति झील से ओवरफ्लो की समस्या देखने के लिए नहीं मिलेगी.
बता दें कि सिंचाई विभाग द्वारा नैनी झील से पानी की निकासी के लिए बीते वर्ष 78 लाख की लागत से ऑटोमेटिक स्काडा गेट स्थापित किए थे और विभाग ने दावा किया था कि झील का जलस्तर 12 फीट पहुंचते ही नैनी झील के निकासी गेट खुद खुल जाएंगे. लेकिन विभाग के सारे वादे हवा-हवाई साबित हुए. नैनीताल में बरसात के दौरान कोई भी गेट ठीक से काम नहीं कर पाए, जिस वजह से झील का ओवरफ्लो पानी शहर में घुस गया और सिंचाई विभाग के 78 लाख की लागत से लगाए गए गेट मात्र शोपीस बनकर रह गए.