नैनीताल: कोरोना महामारी और लॉकडाउन की मार पूरे विश्व पर देखने को मिल रही है. लॉकडाउन की वजहों से कुछ अलग स्थिति भी बनती दिख रही है. इन दिनों में अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है. नैनीताल में अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में 90 फीसदी तक की कमी देखी जा रही है. लॉकडाउन से पहले बीडी पाण्डे अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में रोगी अपना उपचार कराने अस्पताल पहुंचते थे.
भले ही आज देश और दुनिया में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से वातावरण तेजी से साफ हो रहा है. इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. नतीजा यह है कि नैनीताल बीडी पाण्डे जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है. बीते साल सरोवर नगरी नैनीताल के जिला अस्पताल बीडी पांडे में प्रतिदिन करीब 12 सौ से अधिक रोगी अपना उपचार कराने पहुंचते थे, लेकिन जब से लॉकडाउन हुआ है हर रोज सौ के करीब ही मरीज पहुंच रहे हैं.
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बीडी पांडे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी केएस धामी बताते हैं कि इन दिनों मौसम में बदलाव की वजह से अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज आते थे. साथ ही पर्यटन सीजन में कई पर्यटक भी बीमार होकर अस्पताल आते थे. आज लॉकडाउन की वजह से वातावरण काफी साफ हो चुका है. इसका असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ा है. यही कारण है कि इन दिनों अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है.
वहीं, नैनीताल के जाने-माने पर्यावरणविद् अजय रावत बताते हैं कि वाहनों से निकलने वाला काला धुआं भी लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता था. जब से देश में लॉकडाउन हुआ है, तब से वाहनों की संख्या में कमी आई है. इसके साथ ही मैदानी क्षेत्रों में फैक्ट्रियां पूर्ण रूप से बंद हैं. इससे वातावरण बहुत ज्यादा साफ हो चुका है और उसका नतीजा है कि आज अस्पतालों से भीड़ नदारद है.