नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में आरोपियों को मिली जमानत को चुनौती देने वाली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई की. मामलों की सुनवाई के बाद न्यायामूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने सातों अभियुक्तों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है. इन मामलों में एसटीएफ ने जमानत पर रिहा कुलवीर सिंह, जगदीश गोस्वामी, दिनेश चंद्र जोशी, बलवंत सिंह रौतेला, चंदन सिंह मनराल, मनोज जोशी एवं मनोज जोशी की जमानत को निरस्त करने के लिए याचिकाएं दायर की हैं.
मामले के अनुसार सभी अभियुक्तों के खिलाफ पेपर लीक करने का आरोप है. इनके खिलाफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया था. साक्ष्य मिलने पर इन्हें जेल भेजा गया. एडीजे कोर्ट देहरादून से इन आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. एसटीएफ ने एडीजे कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. कोर्ट से मांग की है कि इनके जमानत आदेश को निरस्त किया जाए. एसटीएफ को इनके खिलाफ जांच के दौरान कई साक्ष्य मिले हैं.
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एसटीएफ ने पेपर लीक में 42 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसमें कई आरोपियों को निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है. जिन अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है राज्य सरकार उनकी जमानत को निरस्त कराने के लिए उच्च न्यायलय में याचिकाएं दायर कर रही है. इस मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कुलवीर सिंह, जगदीश गोस्वामी, दिनेश चंद्र जोशी, बलवंत सिंह रौतेला, चंदन सिंह मनराल, मनोज जोशी को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है.
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