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नवरात्रि पर 58 साल बाद बन रहा ये विशेष संयोग, बनी रहेगी सुख-समृद्धि

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 58 वर्षों के बाद शनि और गुरु ग्रह दोनों ही स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे. शनि अपनी राशि मकर में और गुर अपनी राशि धनु में हैं. इस शुभ संयोग पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि बहुत ही शुभ माना गया है.

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इस साल 9 दिनों तक मनाया जाएगा नवरात्री का पर्व
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Published : Oct 15, 2020, 12:59 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 2:46 PM IST

हल्द्वानी: इस बार शारदीय नवरात्रि अधिकमास के कारण करीब एक महीने की देरी से आरंभ हो रही है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को मां शक्ति की उपासना के पर्व के रूप में मनाया जाता है. श्रद्धालु 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपवास और व्रत कर परिवार की सुख शांति की कामना करते हैं. हर साल श्राद्ध खत्म होते ही नवरात्र शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार अधिमास लगने के कारण नवरात्रि 25 दिन देरी से शुरू हो रही है.

इस साल 9 दिनों तक मनाया जाएगा नवरात्री का पर्व

नवरात्रि 17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक रहेगी जबकि, विजयदशमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार अष्टमी और नवमी की तिथि एक ही दिन पड़ रही है. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 16 अक्तूबर को अधीमास खत्म हो रहा है. इसके अगले दिन यानी 17 अक्तूबर से नवरात्रि शुरू होगा. आश्विन मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाएगी. इस बार नवरात्रि पर 58 साल के बाद बहुत शुभ संयोग बन रहा है.

पढ़ें- Navratri 2020: जानिए इस नवरात्रि कैसे करें मां की आराधना

ज्योतिष के अनुसार 58 वर्षों के बाद शनि और गुरु ग्रह दोनों ही स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे. शनि अपनी राशि मकर में और गुरु अपनी राशि धनु में हैं, इस शुभ संयोग पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि बहुत ही शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर चित्रा नक्षत्र रहेगा. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक कलश स्थापना से पूर्व घर और मंदिर की साफ- सफाई कर विधि विधान से कलश स्थापित करना चाहिए. 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी होने के कारण उसी दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र का समापन होगा. जबकि 25 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी.

हल्द्वानी: इस बार शारदीय नवरात्रि अधिकमास के कारण करीब एक महीने की देरी से आरंभ हो रही है. हिंदू धर्म में नवरात्रि को मां शक्ति की उपासना के पर्व के रूप में मनाया जाता है. श्रद्धालु 9 दिनों तक मां दुर्गा की उपवास और व्रत कर परिवार की सुख शांति की कामना करते हैं. हर साल श्राद्ध खत्म होते ही नवरात्र शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार अधिमास लगने के कारण नवरात्रि 25 दिन देरी से शुरू हो रही है.

इस साल 9 दिनों तक मनाया जाएगा नवरात्री का पर्व

नवरात्रि 17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक रहेगी जबकि, विजयदशमी 25 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक इस बार अष्टमी और नवमी की तिथि एक ही दिन पड़ रही है. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक 16 अक्तूबर को अधीमास खत्म हो रहा है. इसके अगले दिन यानी 17 अक्तूबर से नवरात्रि शुरू होगा. आश्विन मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-आराधना की जाएगी. इस बार नवरात्रि पर 58 साल के बाद बहुत शुभ संयोग बन रहा है.

पढ़ें- Navratri 2020: जानिए इस नवरात्रि कैसे करें मां की आराधना

ज्योतिष के अनुसार 58 वर्षों के बाद शनि और गुरु ग्रह दोनों ही स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे. शनि अपनी राशि मकर में और गुरु अपनी राशि धनु में हैं, इस शुभ संयोग पर कलश स्थापना के साथ नवरात्रि बहुत ही शुभ मुहूर्त रहेगा. इसके अलावा नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर चित्रा नक्षत्र रहेगा. ज्योतिषाचार्य नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक कलश स्थापना से पूर्व घर और मंदिर की साफ- सफाई कर विधि विधान से कलश स्थापित करना चाहिए. 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी होने के कारण उसी दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र का समापन होगा. जबकि 25 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी.

Last Updated : Oct 15, 2020, 2:46 PM IST
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