नैनीताल: पर्यटन विभाग ने पहाड़ों में हो रहे पलायन को रोकने के लिए नया फार्मूला तैयार किया है. पर्यटन विभाग खाली हो चुके गावों (घोस्ट विलेज) को पुनर्जीवित व विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है. पर्यटन विभाग अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर घोस्ट विलेजेस में होम स्टे योजना शुरू करने जा रहा है. इसके तहत इन गांवों को विकसित किया जाएगा, जिससे देशभर के पर्यटक यहां आ सकें.
पर्यटन विभाग द्वारा उत्तराखंड में खाली खो रहे गांवों को चिन्हित कर ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे योजना के तहत बेस होम स्टे शुरू करवाये जाने हैं. जिसको लेकर नैनीताल पर्यटन विभाग ने कुंजखड़क समेत आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया है.
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पर्यटन विभाग खंडहर हो चुके इन घरों व गांवों को ठीक करवा कर उन घरों में होम स्टे का स्वरूप तैयार करेगा, ताकि देश भर से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को इन ग्रामीण क्षेत्रों तक लाकर उन्हें अच्छी सुविधा के साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ा जा सके.
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इसके साथ ही उत्तराखंड की शिल्प कला, संस्कृति, खाद्य पदार्थ समेत आसपास के पर्यटक स्थलों को भी इससे नई पहचान मिलेगी. पर्यटन विभाग अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर होम स्टे योजना को शुरू करने जा रहा है.
नैनीताल के जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ में बताया कि तेजी से खाली हो रहे गांवों को फिर से आबाद करने, पलायन को रोकने और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए इस योजना को शुरू किया जा रहा है. प्रथम चरण में पर्यटन विभाग के द्वारा नैनीताल के कुंजखड़क समेत आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां पर होमस्टे योजना की शुरुआत की जाएगी.
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पर्यटन विभाग के इस कदम के बाद अब पर्यटन के क्षेत्र में काम शुरू करने वाले नए कारोबारी भी खुश नजर आ रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे होम स्टे चलाने वाले पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि सरकार की इस योजना से गांवों में हो रहे पलायन पर रोक लगेगी, साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.