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औषधीय गुणों से भरपूर है नैनीताल की चाय, चुस्की को लेकर विदेशी भी कायल

नैनीताल के श्यामखेत में ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन किया जा रहा है. यहां की चाय एंटी ऑक्सीडेंट है, जो ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी घातक बीमारी को दूर करने के लिए फायदेमंद मानी जाती है.

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चाय
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Published : Feb 24, 2020, 7:52 AM IST

नैनीतालः यूं तो उत्तराखंड को कुदरत ने प्राकृतिक सुंदरता के साथ बहुमूल्य वन संपदा से नवाजा है. ऐसा ही खूबसूरत और प्राकृतिक संपदा से भरपूर जगह है नैनाताल. यहां पर झील के अलावा कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं, जिनका दीदार करने के लिए सैलानी दूर-दूर से आते हैं, लेकिन अब पर्यटक यहां पर उगने वाली ऑर्गेनिक चाय की चुस्की लेने के लिए भी पहुंच रहे हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर है. जिसकी डिमांड देश-विदेशों में खूब हो रही है. आइए आपको नैनीताल की चाय से रूबरू कराते हैं...

नैनीताल की चाय पर विशेष रिपोर्ट.

दरअसल, नैनीताल के श्यामखेत में ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन किया जा रहा है. ये चाय स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है. यहां की चाय एंटी ऑक्सीडेंट युक्त है, जो ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी घातक बीमारी को दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. यही कारण है कि नैनीताल की चाय की विदेशों में तेजी से मांग बढ़ रही है. इतना ही नहीं चाय को कोलकाता के रास्ते जापान, कोरिया, इंग्लैंड, इटली समेत कई अन्य देशों में भेजा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः अठखेलियां करती लहरें मिटा देती हैं थकान, सरोवर नगरी को ये चीजें बनाती हैं बेहद खास

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के मैनेजर नवीन चंद्र पांडे की मानें तो श्यामखेत में चाय बागान की स्थापना साल 1991 में की गई थी. अभी भी बागान में सालाना करीब 5 हजार किलो जैविक चाय का उत्पादन किया जा रहा है. इससे चाय विकास बोर्ड को करीब हर साल 45 लाख रुपये का राजस्व मिल रहा है. साथ ही चाय बागान में स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

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चाय बागान में सेल्फी लेते पर्यटक.

वहीं, टी बोर्ड के मैनेजर नवीन चंद्र पांडे बताते हैं कि अच्छी मिट्टी और मौसम की वजह से बागान में जैविक चाय का बेहतर उत्पादन हो रहा है. जबकि, इस चाय को उगाने में किसी भी तरह का रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता है. चाय उत्पादन में केवल कंपोस्ट खाद का प्रयोग किया जाता है. यही कारण है कि चाय में औषधीय गुण पर्याप्त मात्रा में बने रहते हैं.

नैनीतालः यूं तो उत्तराखंड को कुदरत ने प्राकृतिक सुंदरता के साथ बहुमूल्य वन संपदा से नवाजा है. ऐसा ही खूबसूरत और प्राकृतिक संपदा से भरपूर जगह है नैनाताल. यहां पर झील के अलावा कई पर्यटक स्थल मौजूद हैं, जिनका दीदार करने के लिए सैलानी दूर-दूर से आते हैं, लेकिन अब पर्यटक यहां पर उगने वाली ऑर्गेनिक चाय की चुस्की लेने के लिए भी पहुंच रहे हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर है. जिसकी डिमांड देश-विदेशों में खूब हो रही है. आइए आपको नैनीताल की चाय से रूबरू कराते हैं...

नैनीताल की चाय पर विशेष रिपोर्ट.

दरअसल, नैनीताल के श्यामखेत में ऑर्गेनिक चाय का उत्पादन किया जा रहा है. ये चाय स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक मानी जाती है. यहां की चाय एंटी ऑक्सीडेंट युक्त है, जो ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी घातक बीमारी को दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. यही कारण है कि नैनीताल की चाय की विदेशों में तेजी से मांग बढ़ रही है. इतना ही नहीं चाय को कोलकाता के रास्ते जापान, कोरिया, इंग्लैंड, इटली समेत कई अन्य देशों में भेजा जा रहा है.

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उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के मैनेजर नवीन चंद्र पांडे की मानें तो श्यामखेत में चाय बागान की स्थापना साल 1991 में की गई थी. अभी भी बागान में सालाना करीब 5 हजार किलो जैविक चाय का उत्पादन किया जा रहा है. इससे चाय विकास बोर्ड को करीब हर साल 45 लाख रुपये का राजस्व मिल रहा है. साथ ही चाय बागान में स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है.

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चाय बागान में सेल्फी लेते पर्यटक.

वहीं, टी बोर्ड के मैनेजर नवीन चंद्र पांडे बताते हैं कि अच्छी मिट्टी और मौसम की वजह से बागान में जैविक चाय का बेहतर उत्पादन हो रहा है. जबकि, इस चाय को उगाने में किसी भी तरह का रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता है. चाय उत्पादन में केवल कंपोस्ट खाद का प्रयोग किया जाता है. यही कारण है कि चाय में औषधीय गुण पर्याप्त मात्रा में बने रहते हैं.

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