ETV Bharat / state

रोडवेज कर्मचारियों की दायर याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

रोडवेज एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है.इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए सरकार से जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

रोडवेज कर्मचारियों की दायर याचिका पर हाईकोर्ट सख्त.
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 8:02 AM IST

नैनीताल: राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त रुख अपना लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार समेत उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और सरकार ने माना कि पिछले 3 महीने से तनख्वाह नहीं दी गई है.

रोडवेज कर्मचारियों की दायर याचिका पर हाईकोर्ट सख्त.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को आदेश दिए हैं कि शपथ पत्र के माध्यम से अपनी बातें कोर्ट में पेश करें. बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों ने एस्मा लगाने के विरुद्ध में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. साथ ही सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है. सरकार और परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं और न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं. उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया जा रहा है. वहीं, रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें: पॉलीथिन के खिलाफ निगम चलायेगा ये मुहिम, मेयर ने की लोगों से की सहयोग की अपील

कर्मचारी यूनियन का सरकार और निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा गया कि सरकार निगम को 45 करोड़ रुपये बकाया देना है. वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ रुपये देना है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है. साथ ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था नहीं कर पा रही है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने और कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त रुख अपना लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार समेत उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और सरकार ने माना कि पिछले 3 महीने से तनख्वाह नहीं दी गई है.

रोडवेज कर्मचारियों की दायर याचिका पर हाईकोर्ट सख्त.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को आदेश दिए हैं कि शपथ पत्र के माध्यम से अपनी बातें कोर्ट में पेश करें. बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों ने एस्मा लगाने के विरुद्ध में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. साथ ही सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.

बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है. सरकार और परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं और न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं. उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया जा रहा है. वहीं, रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है.

ये भी पढ़ें: पॉलीथिन के खिलाफ निगम चलायेगा ये मुहिम, मेयर ने की लोगों से की सहयोग की अपील

कर्मचारी यूनियन का सरकार और निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा गया कि सरकार निगम को 45 करोड़ रुपये बकाया देना है. वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ रुपये देना है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है. साथ ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था नहीं कर पा रही है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Intro:Summry

राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में रोडवेज कर्मचारियों पर लगाए जा रहे एस्मा के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार समेत उत्तराखंड पावर कारपोरेशन को जवाब पेश करने के दिए आदेश।

Intro

राज्य सरकार के द्वारा रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने
कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार समेत उत्तराखंड पावर कारपोरेशन को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं आज मामले में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन और सरकार ने माना कि पिछले 3 महीने से तनखा नहीं दी गई है, मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को आदेश दिए हैं शपथ पत्र के माध्यम से अपनी बातें कोर्ट में पेश करें।
रोडवेज कर्मचारीयो ने उन पर एस्मा लगाने के विरुद्ध नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी और सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था,,



Body:आपको बता दें कि रोडवेज एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम ना तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, ना ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया है वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।


Conclusion:कर्मचारी यूनियन का सरकार वह निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार निगम को 45 करोड़ रुपया बकाया देना है वही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ रुपए देना है जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नही कर रही है, और ना ही उत्तराखण्ड सरकार भी उनका का पैसा नही दे रही है जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है ना ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था कर पा रहा है जबकि पूर्व में कोर्ट ने बसों में सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए थे,,, मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाइट एमसी पंत अधिवक्ता याचिकाकर्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.